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Dr. Krishnagopal Mishra to get 'Acharya Nanddulere Vajpayee Award' 2017

Dear Readers, 
मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग से संबद्ध साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित अलंकरण समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार व समीक्षक डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र को उनकी आलोचना कृति 'रस सिद्धांत : आज तक' पर आचार्य नंददुलारे वाजपेयी पुरस्कार 2015 से सम्मानित किया गया।
  • श्यामला हिल्स स्थित मानस भवन, भोपाल में आयोजित इस गरिमामय कार्यक्रम में डॉ. 'मिश्र' को यह अलंकरण हरियाणा के महामहिम राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, संस्कृति मंत्री (मप्र) सुरेन्द्र पटवा, संस्कृति तिभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव एवं साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने प्रदान किया। 
  • इस अवसर पर उपस्थित डॉ. देवेन्द्र दीपक, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. धर्मेन्द्र पारे आदि साहित्यकारों ने डॉ.मिश्र को बधाई दी।
नंददुलारे वाजपेयी का संक्षिप्त...
पूरा नाम- नंददुलारे वाजपेयी (Nand Dulare Bajpai)
जन्म- 4 सितम्बर, 1906
जन्म भूमि- मगरायर ग्राम, उन्नाव, उत्तर प्रदेश
मृत्यु-11 अगस्त, 1967, मृत्यु के समय नंददुलारे वाजपेयी उज्जैन में 'विक्रम विश्वविद्यालय' के उपकुलपति थे।
कर्म भूमि- भारत
भाषा- हिन्दी
शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी)
नागरिकता- भारतीय
कर्म-क्षेत्र- पत्रकार, समीक्षक, साहित्यकार, आलोचक तथा सम्पादक
मुख्य रचनाएँ- 'हिन्दी साहित्य बीसवीं शताब्दी', प्रेमचन्द्र-एक साहित्यिक विवेचन', 'नया साहित्य : नए प्रश्न', 'कवि सुमित्रानन्दन पंत', 'साहित्य का आधुनिक युग', 'आधुनिक साहित्य सृजन और समीक्षा', 'भुलक्कड़ों का देश' तथा 'यादें बोल उठीं' आदि।
अन्य- नंददुलारे वाजपेयी ने 'काशी नागरी प्रचारिणी सभा' में 'सूरसागर' का तथा बाद में 'गीता प्रेस', गोरखपुर में 'रामचरितमानस' का संपादन किया।
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