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भारत की प्रमुख नदियाँ ( India's Major Rivers ) |
भारत की नदियों का देश के आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सिन्धु तथा गंगा नदियों की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं- सिन्धु घाटी तथा आर्य सभ्यता का विकास हुआ। प्राचीन काल में व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही विकसित हुए थे। भारत में प्रवाहित होने वाली नदियों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया हैं।
- उत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली अधिकांश नदियाँ हिमालय से निकली हैं जिनमे वर्ष भर जल उपलब्ध रहता हैं, इन नदियों को संवाहिनी नदियाँ (Perenial River) कहते हैं।
- प्रायद्वीपीय पठार में प्रवाहित होने वाली अधिकांश नदियाँ पश्चिमी घाट पहाड़ियों से निकली हैं जिनमे ग्रीष्म ऋतु में जल का अभाव हो जाता हैं। इन्हें गैर-संवाहिनी नदी (Non-Perenial River) कहते हैं।
- हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
- दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
- तटवर्ती नदियाँ
- अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ
A) हिमालय से निकलने वाली नदियाँ ( Rivers emerging from the Himalaya)....
- हिमालय से निकलने वाली नदियाँ हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं।
- तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट, लम्बाई में छोटी होती हैं।
- अन्तर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ, पश्चिमी राजस्थान में हैं। इनमें से अधिकांश अस्थायी प्रकृति की हैं।
B) दक्षिण क्षेत्र से निकलने वाली नदियाँ (Rivers emerging from the south region)...
- दक्कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्यतः पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं।
- गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी, आदि पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं और नर्मदा, ताप्ती पश्चिम की बहने वाली प्रमुख नदियाँ है।
C)तटवर्ती नदियाँ (Coastal rivers)....
- तटवर्ती नदियाँ, जो अपेक्षाकृत छोटी हैं।
- राजस्थान में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्त हो जाती हैं जिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है।
- ऐसी नदियों में लुणी और मच्छक, स्पेहन, सरस्वती, बनास और घग्घर जैसी अन्य नदियाँ हैं।
D)अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ (Rivers of the Droni region from inland drains)....
- दक्षिणी प्रायद्वीप में गोदावरी दूसरी सबसे बड़ी नदी का द्रोणी क्षेत्र है जो भारत के क्षेत्र का 10 प्रतिशत भाग है।
- इसके बाद कृष्णा नदी के द्रोणी क्षेत्र का स्थान है जबकि महानदी का तीसरा स्थान है।
List of India's major rivers.....
1. सिन्धु नदी (Indus River):-
- मानसरोवर झील के निकट कैलाश पर्वत के दक्षिणी भागों से शिकुआन नाम से निकलकर जम्मू-कश्मीर की गहरी घाटियों में प्रवाहित होते हुए पाकिस्तान चली जाती हैं जिसमें सतलज, व्यास, रावी, चेनाब और झेलम नदी के जल मिल जाते हैं इसके बाद यह दक्षिण दिशा में प्रवाहित होकर पाकिस्तान के मकरान तटों से होकर अरब सागर में गिर जाती हैं।
- सिंधु नदी की कुल लंबाई लगभग 2880 किमी (भारत में 1114 किमी)है।
- सिंधु नदी, दक्षिण एशिया की सबसे लम्बी नदी है और पांच बहने (फाइव सिस्टर्स) के नाम से भी जानी जाती हैं।
- पंजाब, जिसे पांच नदियों का स्थल कहा जाता हैं। पूर्वी पंजाब (भारत) और पश्चिमी पंजाब (पाकिस्तान) में स्थित हैं।
2. गंगा नदी (Ganga River):-
- गंगा नदी का उद्गम उत्तराखण्ड के गोमुख हिमनद के निकट गंगोत्री ग्लेशियर (महान हिमालय) से हुआ है। यह भागीरथी नाम से प्रवाहित होती हैं।
- पिंडस और अलकनंदा नदियों का संगम (कर्ण प्रयाग में), मन्दाकिनी और अलकनंदा नदियों का संगम (रुद्रप्रयाग में) तथा भागीरथी एवं अलकनंदा नदियों का संगम (देवप्रयाग में), और देवप्रयाग के पश्चात् इसे गंगा के नाम से जाना जाता हैं।
- ऋषिकेश, हरिद्वार, कानपुर, फरुर्खाबाद,इलाहबाद, गाजीपुर, वाराणसी, छपरा, पटना, सोनपुर,भागलपुर तथा पश्चिम बंगाल के फरक्का नामक स्थान से बांग्लादेश चली जाती हैं जहाँ इसे पद्मा के नाम से जाना जाता हैं।
- इलाहाबाद के निकट गंगा से यमुना मिलती है जिसे संगम या प्रयाग कहा जाता है।
- बांग्लादेश में समुद्र में मिलने से पहले ब्रह्मपुत्र नदी से मिलती है तो इसका नाम मेघना हो जाता है।
- गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी तथा भारत मे इसकी लंबाई 2071 किमी लम्बाई में प्रवाहित होती हैं।
- गंगा नदी पश्चिम बंगाल मे विश्व प्रसिद्ध सुंदरवन का डेल्टा का निर्माण करती है, जो विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा हैं।
- गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी यमुना, सोन, रामगंगा, घाघरा, कोसी, गंडक, इत्यादि हैं।
3. यमुना नदी (Yamuna River):-
- यमुना नदी का उद्गम उत्तराखण्ड के यमुनोत्री नामक ग्लेशियर से हुआ है जो बंदरपूछ पहाड़ी पर स्थित है।
- महान हिमालय के यमुनोत्री नामक स्थान से निकलकर उत्तराखंड से दक्षिण दिशा में प्रवाहित होकर हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की सीमा बनती हैं तथा दिल्ली पहुँचती हैं।
- यमुना नदी के किनारे दिल्ली, मथुरा, आगरा, इटावा तथा हमीरपुर होती हुई, यह लगभग 1375 किमी का सफर तय करके इलाहाबाद के निकट प्रयाग में गंगा नदी में मिल जाती है।
- यमुना नदी की प्रमुख सहायक नदियों में टोंस, चम्बल, बेतवा, केन तथा काली सिंध आदि शामिल हैं।
- यमुना नदी, भारत की सर्वाधिक प्रदूषित नदी हैं। इसे "Green Soup" के नाम से भी जाना जाता हैं।
4. चम्बल नदी (Chambal River):-
- इन्दौर मे स्थित महू के निकट जानापाओ नामक पहाड़ी के मालवा पठार के धार क्षेत्र से निकलकर पश्चिमी मध्य प्रदेश से राजस्थान के कोटा जिले से होते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा के पास यमुना में मिल जाती हैं।
- चम्बल नदी की लंबाई लगभग 1050 किमी है। यह मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमाओं का निर्धारण करती हैं।
- इसकी सहायक नदियाँ- बानस, पार्वती एवं काली सिंध हैं।
5. गोदावरी नदी (Godawari River):-
- गोदावरी नदी, पश्चिमी घाट से लेकर पूर्वी घाट तक प्रवाहित होती है।
- गोदावरी नदी, नासिक के त्रयंबक गाँव की पृष्ठवर्ती पहाड़ियों में स्थित एक बड़े जलागार से निकलती है और दक्षिण भारत के सबसे बड़े डेल्टा का निर्माण करके बंगाल की खाड़ी में गिर जाती हैं।
- यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े नदी द्रोणी (River Basin) का निर्माण करती हैं।
- यह दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी तथा सबसे बड़ी नदी है। जो 1465 किमी लम्बाई में प्रवाहित होती है।
- इसे दक्षिण भारत की लम्बी गंगा/बृद्ध गंगा के नाम से जाना जाता हैं।
- यह महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के पठार को पार करती हुई बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
- खपोली, पेनगंगा, वेनगंगा, वर्धा, डरना, इन्द्रावती, मंजरा, मचकुंड, मानेर, पूर्णा, सबरी इत्यादि इसकी प्रमुख सहायक नदी हैं।
6. महानदी नदी (Mahanadi River):-
- रायपुर जिले के मैकाल पठार नामक पर स्थित अमरकंटक पहाड़ी के निकट स्थित शिहावा पहाड़ी से निकलने के उपरांत छत्तीसगढ़ से उड़ीसा चली जाती है।
- भुवनेश्वर में प्रवाहित होकर चिल्का झील के निकट बंगाल की खाड़ी में गिर जाती हैं।
- महानदी के कारण उड़ीसा में प्रतिवर्ष बाढ़ आती थी इसी कारण महानदी को उड़ीसा का शोक कहा जाता हैं।
- इस नदी पर उड़ीसा का प्रसिद्ध हीराकुंड बांध बना है।
- महानदी की कुल लम्बाई 900 किलोमीटर है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक सक्रिय गाद जमा करने वाली नदियों में से एक है। इसके एक मुहाने पर स्थित पुरी एक विख्यात तीर्थस्थल है।
- शिवनाथ नदी, रायपुर ज़िले में शिवरीनारायण से ऊपर किरौन्जी नामक स्थान में पश्चिम से आकर महानदी में मिलती है। जमुनिया तथा खोरसी नदी दक्षिण से आकर मिलती हैं।
7. गंडक नदी (Gandak River):-
- नेपाल में स्थित हिमालय से निकलने के उपरान्त बिहार में प्रवाहित होकर सोनपुर नामक स्थान पर गंगा मे मिल जाती है।
- यह काली और त्रिशूली नदियों के संगम से बनी है, जो नेपाल की उच्च हिमालय पर्वतश्रेणी से निकलती है।
- इस नदी को नेपाल मे सालिग्रामि और मैदान मे नारायनी कहते है, इस नदी की लम्बाई लगभग 1310 किलोमीटर हैं।
- बूढ़ी गंडक नदी एक पुरानी जलधारा है, जो गंडक के पूर्व में इसके समानांतर बहती है।
8. कृष्णा नदी (Krishana River):-
- महाराष्ट्र की महाबलेश्वर चोटी से निकलकर कर्नाटक तथा आंध्रप्रदेश राज्य चली जाती हैं एवं विजयवाड़ा क्षेत्र में प्रवाहित होकर दक्षिण भारत के दुसरे सबसे बड़े डेल्टा का निर्माण करके बंगाल कीखाड़ी में गिर जाती हैं।
- कृष्णा नदी की लम्बाई लगभग 1400 कि.मी. है।
- कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर परियोजना तथा श्री शैलम परियोजना निर्मित है।
- कृष्णा के पास बड़ा और बहुत उपजाऊ डेल्टा है, जो पूर्वोत्तर में गोदावरी नदी क्षेत्र की ओर आगे बढ़ता जाता है।
- यह नौकाचालान योग्य नहीं है, लेकिन कृष्णा से सिंचाई के लिए पानी तो मिलता ही है; विजयवाड़ा स्थित एक बांध डेल्टा में एक नहर प्रणाली की सहायता से पानी के बहाव को नियंत्रित करता है।
- कोयना, दूधगंगा, तुंगभद्रा, मालप्रभा, घाटप्रभा, भीमा, सीना, नीरा, वरना, पंचगंगा, यरला, अलमाटी और हैदराबाद की मुसी नदी प्रमुख सहायक नदियां हैं।
- भीमा नदी (महाराष्ट्र) पर उजैनी बांध और तुंगभद्रा नदी पर हौसपेट में बने एक अन्य बांध से सिंचाई के पानी में वृद्धि हुई है।
9. सतलज नदी (Satluj River):-
- सतलज नदी का उद्गम तिब्बत स्थित मानसरोवर झील के निकट राकास झील से निकलकर हिमांचल प्रदेश से होते हुए लुधियाना में प्रवाहित होकर हरिके नामक स्थान से पाकिस्तान चली जाती हैं तथा चिनाब नदी में मिल जाती हैं।
- इसकी कुल लम्बाई 1500 किमी (भारत में 1050 किमी) हैं।
- प्रसिद्ध भाखड़ा नागल बांध सतलज नदी पर ही बना है।
10. रावी नदी (Ravi River):-
- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू पहाड़ी के रोहतांग दर्रे से निकलने उपरान्त प्रवाहित होते हुए पाकिस्तान के मुल्तान के समीप चेनाब नदी में मिल जाती है।
- यह हिमाचल प्रदेश में वृहद हिमालय से निकलती है एवं पश्चिम-पश्चिमोत्तर में चंबा नगर से होती हुई जम्मू-कश्मीर की सीमा पर दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ जाती है।
- रावी का प्राचीन नाम परुषणी नदी था। इसकी लंबाई 720 किमी हैं।
- यह पंजाब और पाकिस्तान की सीमा का निर्धारण करती हैं।
11.चिनाब नदी (Chenab River):-
- चिनाब नदी को वैदिक साहित्य में 'अस्कनी' नाम से सम्बोधित किया गया है।
- हिमाचल प्रदेश के बड़ा लाचाला दर्रे से निकलकर जम्मू-कश्मीर होती हुई पाकिस्तान पहुँचती हैं जहाँ इसमें सतलज, व्यास, रावी और झेलम नदियों के जल मिल जाते हैं तथा खुद यह सिंधु नदी में मिल जाती हैं (सिंधु की सबसे बड़ी सहायक नदी हैं)।
- पीर पंजाल के समांतर बहते हुए किशतबार के निकट पीर पंजार में गहरा गार्ज बनाती है।
- भारत में चेनाब नदी की लंबाई 1180 किमी है।
- ऊपरी भाग में 'चन्द्र' और 'भागा' नामक दो छोटी नदियाँ इसमें मिलती है।
- श्रीमदभागवत में शायद इसी नदी की ऊपरी धारा को चंद्रभागा कहा गया हैं, पुनः शेष नदी का प्राचीन वैदिक नाम 'अस्कनी' कहा गया है।
12. व्यास नदी (Beas River):-
- व्यास नदी का प्राचीन नाम 'विपासा / अज्रकी नदी' था
- इस नदी का उल्लेख ऋग्वेद में केवल एक बार है।
- हिमांचल प्रदेश के मनाली के निकट स्थित रोहतांग दर्रे के समीप व्यास कुण्ड से निकलकर पंजाब में प्रवाहित होते हुए हरिके नामक स्थान पर सतलज में मिल जाती हैं।
- इसकी कुल लंबाई 470 किमी है।
- व्यास नदी को ग्रीक लेखकों ने हाइफेसिस (Hyphasis) कहा है।
13. झेलम नदी (Jhelam River):-
- झेलम नदी का वैदिक कालीन नाम 'वितस्ता' था।
- झेलम नदी का उद्गम श्रीनगर में स्थित वूलर झील से निकलकर जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र से पाकिस्तान चली जाती हैं और चिनाब नदी में मिल जाती हैं।
- झेलम नदी की की कुल लंबाई 724 किमी एवं भारत में इसकी लंबाई 400 किमी है।
14. दामोदर नदी (Damodar River):-
- झारखण्ड के छोटा नागपुर के पठार में स्थित प्लामू पहाड़ी से निकलकर पश्चिम बंगाल में प्रवेश करती है तथा हुगली नदी में मिल जाती है और बंगाल की खाड़ी में गिर जाती हैं।
- दामोदर नदी के कारण पश्चिम बंगाल में प्रतिवर्ष बाढ़ आती थी इसे पश्चिम बंगाल का शोक कहा जाता है।
- इस नदी पर दमोदर नदी घाटी परियोजना संचालित है जो अमेरिका की टेन्सी नदी घाटी परियोजना पर आधारित है।
- कुनर तथा बराकर इसकी सहायक नदियाँ हैं।
15. पेरियार नदी (Periyar River):-
- केरल में स्थित पेरियार झील से निकलकर मालाबार तटीय क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं और अरब सागर में गिर जाती है।
- यह केरल की सबसे पवित्र नदी हैं जिसके तटों पर प्रतिवर्ष धार्मिक मेले का आयोजन होता हैं।
- इस नदी पर 'पेरियार जलविद्युत परियोजना' स्थित है।
- केरल की सबसे लम्बी नदी है, जिसकी लम्बाई 244 किमी है।
- केरल की इसी पेरियार नदी के किनारे कालडी़ ग्राम में शंकराचार्य का जन्म हुआ था। पेरियार नदी को जीवनदायिनी नदी माना जाता है, क्योंकि यह पीने का पानी उपलब्ध कराती है।
- इस नदी पर बना इडुक्की बाँध केरल प्रांत की विद्युत आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है।
- इसकी दो प्रमुख सहायक नदियाँ हैं जिन्हें पम्बा-कक्की के नामों से जाना जाता हैं।
- पम्बा नदी पर प्रतिवर्ष नौकादौड़ आयोजित होती हैं।
16.कावेरी नदी (Cauveri River):-
- कर्नाटक राज्य के कुर्ग जिले के ब्रम्हागिरी या तल-कावेरी नामक स्थान से निकलकर केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तथा पाण्डिचेरी में प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिर जाती हैं।
- केरल की कबानी नदी कावेरी में मिल जाती हैं।
- इसे "दक्षिण भारत की गंगा" कहा जाता हैं।
- इसके उद्गमस्थल कावेरी कुंड में हर साल देवी कावेरी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
- कावेरी नदी तीन स्थानों पर दो शाखाओं में बंट कर फिर एक हो जाती है, जिससे तीन द्वीप बन गए हैं, उन द्वीपों पर क्रमश: आदिरंगम, शिवसमुद्रम तथा श्रीरंगम नाम से श्री विष्णु भगवान के भव्य मंदिर हैं।
- महान शैवतीर्थ चिदम्बरम तथा जंबुकेश्वरम भी श्रीरंगम के पास स्थित हैं।
- प्राचीन तथा गौरवमय तीर्थ नगर तंजौर , कुंभकोणम तथा त्रिचिरापल्ली इसी पवित्र नदी के तट पर स्थित हैं।
- मैसूर के पास कृष्णराज सागर पर दर्शनीय ‘वृंदावन गार्डन’ इसी नदी के किनारे पर निर्मित है।
17.बेत्वा नदी (Betwa River):-
- बेत्वा नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में स्थित कुमारगाँव के निकट विंध्यांचल पर्वत से निकलती है।
- इस नदी की लंबाई 480 किमी है।
- यह बुंदेलखण्ड पठार की सबसे लम्बी नदी है।
- यह हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है।
- इस नदी पर माताटीला एवं राजघाट बांध निर्मित है।
- इसी नदी के किनारे सांची और विदिशा के प्रसिद्ध व सांस्कृतिक नगर स्थित हैं।
18.सोन नदी (Son River):-
- सोन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश में स्थित अमरकंटक की पहाड़ियों से हुआ है।
- यह मध्यप्रदेश के रीवा एवं सीधी जिलों से बहती हुई उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है तथा पटना के समीप गंगा नदी में मिल जाती है।
- सोन नदी की लंबाई लगभग 775 किमी है।
- इस नदी पर बाणसागर परियोजना एवं रिहन्द परियोजना संचालित है।
19. गोमती नदी(Gomti River):-
- पीलीभीत के दलदली क्षेत्र से निकलने के उपरान्त अवध के प्रान्तों में प्रवाहित होती है।
- यह शाहजहाँपुर, खीरी, सीतापुर, लखनऊ, सुल्तानपुर एवं जौनपुर आदि ज़िलों में बहती हुई गाजीपुर के निकट गंगा नदी में मिल जाती है।
- इस नदी पर शाहजहाँपुर से खीरी जाने वाली सड़क पर 210 फुट लंबा पुल है।
20. साबरमती नदी (Sabarmati River):-
- राजस्थान के उदयपुर के अरावली पर्वतों के दक्षिण से निकलकर गुजरात राज्य पहुँचती हैं तथा अहमदाबाद में प्रवाहित होकर खम्बात की खाड़ी में गिर जाती हैं।
- साबरमती नदी की लंबाई 371 किमी है।
- इस नदी के किनारे अहमदाबाद तथा गांधीनगर बसे हुए है।
- इस नदी का नाम 'साबर' और 'हाथमती' नामक नदियों की धाराओं के मिलने के कारण 'साबरमती' पड़ा।
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