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आंध्रप्रदेश की विधानसभा ने 2 दिसंबर, 2017 को सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में ''कापू समुदाय'' को 5 फीसदी आरक्षण प्रदान करने वाले कानून को सर्वसम्मति से पारित किया।
कापू (जाति) समुदाय....
तेलुगु में कपू या कापू शब्द का मतलब 'किसान' या संरक्षक है। कापू लोग तेलुगु बोलते हैं और मुख्यतः खेती करते हैं। इन्हें कुलनाम नायडू से भी जाना जाता है जिसका अर्थ नेता है।
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Report submitted by Manjunath Commission and decided to extend reservations to Kapu, Telaga, Balija and Ontari communities. |
- बैंगलोरु मिरर के मुताबिक, उच्च तबकों में शुमार होने वाले कापू समुदाय को पांच फ़ीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है। इसके लिए इस समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किया जाएगा।
- सरकार ने एक अलग वर्ग 'F' बनाकर पिछड़े वर्गों में समुदाय को शामिल किया है।
- विपक्षी पार्टी YSR कांग्रेस की गैर मौजूदगी में तेलगु देशम पार्टी (TDP) और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधेयक पर चर्चा में भाग लिया।
- YSR कांग्रेस विपक्ष की अकेली पार्टी है जिसने सत्र का बहिष्कार कर रखा है।
- पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री के. अतचान नायडू ने विधानसभा में विधेयक पेश किया।
- राज्य मंत्रिपरिषद ने मंजूनाथ समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जिसने कापू समुदाय के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण तय करने का सुझाव दिया था।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई आरक्षण की सीमा 50 फीसदी है।
- वर्तमान में 50 फीसदी आरक्षण में 25 फीसदी पिछड़ा वर्ग को, 15 फीसदी अनुसूचित जाति को, 6 फीसदी अनुसूचित जनजाति और 4 फीसदी अल्पसंख्यकों के लिए तय है।
- कापू को आंध्र प्रदेश में एक प्रभावशाली समुदाय माना जाता है। यह मुख्य रूप से एक कृषक समुदाय रहा है।
कापू (जाति) समुदाय....
तेलुगु में कपू या कापू शब्द का मतलब 'किसान' या संरक्षक है। कापू लोग तेलुगु बोलते हैं और मुख्यतः खेती करते हैं। इन्हें कुलनाम नायडू से भी जाना जाता है जिसका अर्थ नेता है।
- आंध्र प्रदेश में कापू समुदाय मुख्यत: तटीय जिलों, उत्तरी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र में केंद्रित है। ये तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं।
- कापू की उपजातियों में बलीजा, तेलगा, मुन्नुरु कापू, तुर्पू कापू और ओंटारी उपजातियां आंध्र प्रदेश की आबादी का लगभग 28 प्रतिशत हिस्सा हैं, अतः वे इस राज्य में सबसे बड़ा जातिसमूह हैं।
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