Dear Aspirants,
राजस्थान, प्राचीन भारतीय भवन निर्माण कला को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इसलिए राजस्थान में जाने वाले पर्यटन यह सब जरुर देखना चाहते हैं।
Famous canopies of Rajasthan |
- गैटोर की छतरियां - यह छतरीनाहरगढ़ (जयपुर) में स्थित है। ये कछवाहा शासको की छतरियां है।
- बड़ा बाग की छतरियां - यह जैसलमेर में स्थित है। यहां पर भाटी शासकों की छतरियां स्थित है।
- क्षारबाग की छतरियां - यह कोटा में स्थित है। यहां पर हाड़ा शासकों की छतरियां स्थित है।
- देवकुण्ड की छतरियां - यह रिड़मलसर (बीकानेर) में स्थित है। यहां पर राव बीकाजी व रायसिंह की छतरियां प्रसिद्ध है।
- छात्र विलास की छतरी - यह कोटा में स्थित है।
- केसर बाग की छतरी - यह बूंदी में स्थित है।
- जसवंत थड़ा - यह जोधपुर में स्थित है। यहां पर सरदार सिंह द्वारा निर्मित है।
- रैदास की छतरी - यह छतरी चित्तौड़गढ में स्थित है।
- गोपाल सिंह यादव की छतरी - यह छतरी करौली में स्थित है।
- 08 खम्भों की छतरी - यह छतरी बांडोली (उदयपुर) में स्थित है। यह वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की छतरी है।
- 32 खम्भो की छातरी - यह राजस्थान में दो स्थानों पर 32-32 खम्भों की छतरियां है। मांडल गढ (भीलवाड़ा) में स्थित 32 खम्भों की छतरी का संबंध जगन्नाथ कच्छवाहा से है। रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) में स्थित 32 खम्भों की छतरी हम्मीर देव चैहान की छतरी है।
- 80 खम्भों की छतरी - यह छतरी अलवर में स्थित हैं यह छतरी मूसी महारानी से संबंधित है।
- 84 खम्भों की छतरी - यह बूंदी में स्थित है। यह छतरी राजा अनिरूद के माता देव की छतरी है। यह छतरी भगवान शिव को समर्पित है।
- 16 खम्भों की छतरी - यह छतरी नागौर में स्थित हैं और यह राठौड वंशीय अमर सिंह की छतरी है।
- टंहला की छतरीयां - यह छतरी अलवर में स्थित हैं।
- आहड़ की छतरियां - यह छतरी उदयपुर में स्थित हैं, इन्हे महासतियां भी कहते है। राजा बख्तावर सिंह की छतरी
- राजा जोधसिंह की छतरी - यह छतरी बदनौर (भीलवाडा) में स्थित है।
- मानसिंह प्रथम की छतरी - यह छतरी आमेर (जयपुर) में स्थित है।
- 06 खम्भों की छतरी - यह छतरी लालसौट (दौसा) में स्थित है।
- गोराधाय की छतरी - यह छतरी जोधपुर में स्थित हैं। अजीत सिंह की धाय मां की छतरी है।
- अमरसिंह की छतरी -यह छतरी नागौर में स्थित है।
- सिसोदिया राणाओं की छतरियाँ - यह छतरी आहड़, उदयपुर में स्थित है।
- राव बीका जी रायसिंह की छतरियाँ - यह छतरी देव कुंड बीकानेर में स्थित है।
- हाड़ा राजाओं की छतरियाँ - सारबाग, यह छतरी कोटा में स्थित है।
- रैदास की छतरी - यह छतरी चित्तौड़गढ़ में स्थित है।
- केसर बाग व क्षार बाग की छतरियाँ - यह छतरी बूँदी ( बूँदी राजवंश की ) में स्थित है।
- भाटी राजाओं की छतरियाँ - यह छतरी बड़ा बाग, जैसलमेर में स्थित है।
- राठौड़ राजाओं की छतरियाँ - यह छतरी मंडोर जोधपुर में स्थित है।
- मूसी महारानी की छतरी - यह छतरी अलवर में स्थित है।
- महाराणा प्रताप की छतरी ( 8 खंभो की )- यह छतरी बाडोली ( उदयपुर ) में स्थित है।
- कच्छवाहा राजाओं की छतरियाँ -यह छतरी गेटोर ( नाहरगढ़, जयपुर ) में स्थित है।
- राव जोधसिंह की छतरी -यह छतरी बदनौर में स्थित है।
- जयमल ( जैमल ) व कल्ला राठौड़ की छतरियाँ -यह छतरी चित्तौड़गढ में स्थित है।
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