भोपाल गैस कांड या भोपाल गैस त्रासदी की 33वीं बरसी आज

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मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल शहर में दो और तीन दिसम्बर सन् 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई। इसे भोपाल गैस कांड या भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है।
  • भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ। 
  • यूनियन कार्बाइड को डाऊ कैमिकल्स नामक बड़ी कंपनी ने खरीद लिया।
  • यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी के प्लांट 'सी' के टैंक नंबर 610 में ज़हरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के पानी से मिल जाने के कारण करीब 40 टन जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। कैमिकल रिएक्शन से बने दबाव को टैंक सह नहीं पाया और वो खुल गया।
  • मिथाइलआइसोसाइनाइट (मिक) नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था।
  • तीन दिसंबर 1984 की आधी रात को भोपाल स्थित कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ, जिसके कारण लगभग 15000 से अधिक लोगों की जान गई और बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हो गए थे।
  • पहले अधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 2,259 थी। मध्यप्रदेश की तत्कालीन सरकार ने 3,787 की गैस से मरने वालों के रूप में पुष्टि की थी।
  • 2006 में प्रदेश सरकार के एक शपथ पत्र में माना गया कि भोपाल के लगभग 5 लाख 20 हजार लोग इस जहरीली गैस से सीधी रूप से प्रभावित हुई थी। जिसमें 2,00,000 लोग 15 साल की उम्र से कम और 3,000 गर्भवती महिलाएं थीं। आंशिक रूप से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या लगभग 38,478 थी। 3900 तो बुरी तरह प्रभावित और पूरी तरह अपंगता के शिकार हो गए थे।
  • भोपाल गैस त्रासदी को लगातार मानवीय समुदाय और उसके पर्यावास को सबसे ज़्यादा प्रभावित करने वाली औद्योगिक दुर्घटनाओं में गिना जाता रहा।
  • माना जाता है कि इस गैस कांड में भोपाल का कुशवाहा परिवार बिना किसी हानि के बच गया था क्योंकि उस परिवार में उस दिन इस परिवार में यज्ञ चल रहा था, जिससे जहरीली गैस का उनके घर में में असर नहीं हुआ, यज्ञ को वातारण में प्रदूषण के समाधान के लिए वैज्ञानिक उपकरण माना जाता है।
  • गैस कांड में लोगों की मौत का जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड फैक्टरी के मालिक वारेन एंडरसन को माना गया। 
  • माना जाता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने वारेन एंडरसन को विशेष विमान से भोपाल से निकलने की सुविधा उपलब्ध करवाई थी। और यह भी माना जाता है कि इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने खुद अर्जुन सिंह को फोन किया था।
  • यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के तत्कालीन मुखिया और इस त्रासदी के मुख्य आरोपी वॉरेन एंडरसन की भी मौत 29 सिंतबर 2014 को  हो चुकी है।
  • भोपाल गैस त्रासदी की घटना पर 2014 में 'भोपाल ए प्रेयर ऑफ रेन' नाम की फिल्म का निर्माण किया गया।
  • भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति द्वारा 3 दिसंबर, 2017 को यूनियन कार्बाइड के सामने बनी मूर्ति के समक्ष प्रदर्शन कर हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। 
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