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ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कवि कुंवर नारायण सिंह का 15 नवम्बर, 2017 की सुबह निधन हो गया। पिछले 51 सालों से साहित्य में सक्रिय रहने वाले कुंवर नारायण 90 साल के थे।
https://www.outlookindia.com/website/story/padma-bhushan-hindi-poet-kunwar-narayan-dies-at-90/304394
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ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कवि कुंवर नारायण सिंह का 15 नवम्बर, 2017 की सुबह निधन हो गया। पिछले 51 सालों से साहित्य में सक्रिय रहने वाले कुंवर नारायण 90 साल के थे।
- दिल्ली के सीआर पार्क में 15 नवंबर की सुबह उन्होंने अपनी आखिरी सांसें लीं।
- फैजाबाद में 19 सितंबर, 1927 को जन्में कुंवर नारायण ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में पोस्ट ग्रैजुएशन किया था।
- कुंवर नारायण की मूल विधा कविता रही है लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहानी, लेख व समीक्षाओं के साथ-साथ सिनेमा, रंगमंच में भी अहम योगदान दिया।
- उनकी पहली किताब साल 1956 में 'चक्रव्यूह' तथा चक्रव्यूह के अलावा उनकी प्रमुख कृतियों में तीसरा सप्तक- 1959, परिवेश: हम-तुम- 1961, आत्मजयी- प्रबंध काव्य- 1965, आकारों के आसपास- 1971, अपने सामने- 1979 शामिल हैं।
- साल 1995 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। वहीं 2005 में उन्हें साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- उनके साहित्य में योगदान के लिए भारत सरकार ने 2009 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
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