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भारत स्टेज (BS-VI) फ्यूल नॉर्म : Understand all about it

Dear Aspirants,
दिल्ली-एनसीआर में जानलेवा एयर पॉल्यूशन के मद्देनजर यहां दो साल पहले ही दुनिया का सबसे सख्त वाहन उत्सर्जन मानक लागू कर दिया जाएगा।
  • दिल्ली में भारत स्टेज बीएस-6 मानक को लागू करने की तारीख को 1 अप्रैल, 2020 से घटाकर 1 अप्रैल, 2018 कर दिया गया है। मौजूदा समय में देश में बीएस-4 मानक वाले वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है।
क्या है बीएस यानी भारत स्टेज 6 मानक.....

  1. बीएस यानी भारत स्टेज उत्सर्जन मानक है, जिसे वर्ष केंद्र सरकार ने 2000 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य चार पहिया वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना और इस मानक के जरिये वातावरण में घुल रहे जहर पर रोक लगाना था। 
  2. सीपीसीबी द्वारा समय-समय पर इसके कई मानक जैसे बीएस-3, बीएस-4 और अब बीएस-6 तय किए हैं।
  3. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड सल्फर डाइऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर के मामले में बीएस-6 स्तर का डीजल काफी बेहतर होगा।
  4. 1 अप्रैल 2017 से ही पेट्रोलियम मंत्रालय ने पूरे देश में बीएस-IV ग्रेड के पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू की थी।
  5. मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस ने भारत स्टेज-6 फ्यूल नॉर्म को 1 अप्रैल 2018 से अमल में लाने का निर्णय लिया है, पहले यह नॉर्म 2020 से लागू किया जाना था।
  6. बीएस-5 और बीएस-6 ईंधन में जहरीले सल्फर की मात्रा बराबर होती है। जहां बीएस-4 ईंधन में 50 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) सल्फर होता है। वहीं बीएस-5 व बीएस-6 दोनों तरह के ईंधनों में सल्फर की मात्रा 10 पीपीएम ही होती है।

क्या हैं BS(भारत चरण) के नॉर्म्स? 

  • वायु प्रदूषण फैलाने वाले मोटर गाड़ियों सहित सभी इंजन वाले उपकरणों के लिए 'भारत चरण उत्सर्जन मानक' (BS) की शुरुआत केंद्र सरकार ने वर्ष 2000 में की थी। 
  • यूरोपियन तर्ज पर आधारित है भारत के इंजन मानक भारत स्टेज के मानक यूरोपियन मानक यूरो 4 और यूरो 6 पर आधारित है।
भारत स्टेज 6 मानक..
  1. वाहनों पर एक खास फिल्टर लगाए जाएंगे।      
  2. इनमें डीजल पार्टिकुलेट फिल्टर यानी DPF होंगे।      
  3. इससे 80 से 90 फीसदी PM 2.5 जैसे कण हवा में आने से रोके जा सकेंगे।      
  4. इसमें सिलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल होगी।      
  5. इससे नाइट्रोजन ऑक्साइड को काबू में किया जा सकेगा।      
  6. बीएस-6 मानकों के लागू होने पर कारों के साथ-साथ ट्रकों, बसों जैसे भारी वाहनों में भी फिल्टर लगाने जरूरी होंगे।      
भारत की पहली महिला बैरिस्टर कॉर्नेलिया सोराबजी 
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