Book : ''The Last Girl: My Story of Captivity and My Fight Against the Islamic State''

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फोटो : गूगल
24 वर्षीय ‘नादिया मुराद बासी ताहा’ इराक़ के उत्तरी इलाके में बसे सिंजार की मूल निवासी हैं और इराक की मानव अधिकार कार्यकर्ता है। इसके अतिरिक्त सितंबर 2016 में नादिया को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया है, 3 अगस्त 2014 में उसे इस्लामी राज्य द्वारा अपहरण कर लिया गया था। 1 जून, 2017 को, वह तीन साल बाद अपने घर के कोको के गांव लौटे।

  • नादिया की किताब ''The Last Girl: My Story of Captivity and My Fight Against the Islamic State'' रिलीज हो गई। 
  • नादिया मुराद को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए यूनाइटेड नेशंस की गुडविल एंबेसडर चुना गया है।
  • किताब में नादिया ने यह बताया है कि कैसे उनका अपहरण कैसे हुआ और किस तरह से उन्हें कैद करके रखा गया। कैसे उन्हें एक 'सेक्स स्लेव’ (यौन दासी)  बनाया गया और फिर कैसे वो इस्लामिक स्टेट के आंतकियों की चंगुल से भागी। तीन साल दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के चुंगल से बचकर निकली नादिया उत्तरी इराक के यजीदी गांव की रहने वाली है।
  • उन्होंने बताया कि किस तरह से यजीदी समुदाय के इस पूरे गांव पर आईएसआईएस के आतंकियों ने बंधक बनाकर पुरुषों और महिलों को अलग करके सभी पुरुषों को मार दिया था। 
  • नादिया के 8 भाईयों को और उसकी मां को मार डाला गया था। जब कि जवान महिलाओं और लड़कियों को सेक्स स्लेव बना लिया गया था।  
  • यूनाइटेड नेशन की गुडविल एम्बेस्डर नादिया ने बताया है कि जब उन्होंने यूनाइटेड नेशन सिक्युरिटी काउंसिल में अपनी आपबीती सुनाई थी, तो वहां बैठे लोग रो पड़े थे।
  • उन्होंने किताब में लिखा है कि आईएसआईएस के आतंकियों ने 3 अगस्त, 2014 में इराक के एक गांव लड़कियों और महिलाओं को कब्जे में लेकर उनके साथ बदसलूकी की गई।
  • आईएसआईएस के आतंकी रेप को अपना सबसे बड़ा हथियार मानते हैं।
  • उन्होंने किताब में इस बात का जिक्र किया है कि मोसुल में हजारों की संख्या में यजीदी महिलाएं और बच्चे आईएसआईएस के कैद में हैं।
  • इस्लामी कानून शरिया के मुताबिक़ कम से कम 40 दिनों में तलाक होता है इसलिए वे (आतंकी) 40 दिन का इंतजार करते थे और फिर दूसरी लड़कियों को ले जाते थे।
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