देश की पहली महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सैनिकों की विधवाओं को दिए जाने वाले भत्ते के नियम में कुछ बदलाव किया है। रक्षा मंत्रालय ने वीरता पुरस्कार प्राप्त रक्षाकर्मी की विधवा द्वारा अपने
दिवंगत पति के भाई के अलावा किसी अन्य से शादी करने पर उसे आर्थिक भत्ते
का भुगतान रोकने वाले मौजूदा नियम को हटा दिया है।
नादिया मुराद को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए यूनाइटेड नेशंस की गुडविल एंबेसडर चुना गया
https://navbharattimes.indiatimes.com/india/soldiers-widow-may-marry-anyone-her-allowance-wont-be-stopped/articleshow/61736430.cms
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नादिया मुराद को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए यूनाइटेड नेशंस की गुडविल एंबेसडर चुना गया
- 16 नवंबर को जारी पत्र के मुताबिक, भत्ता पहले तो वीरता पुरस्कार के प्राप्तकर्ता को मिलेगा। उसकी मृत्यु के बाद उसकी कानूनी रूप से विवाहित रही विधवा को भत्ता मिलेगा, जिसे उसकी मृत्यु तक भत्ता मिलता रहेगा। अभी तक दिवंगत पति के भाई से शादी करने पर ही यह भत्ता जारी रखा जाता था।
- मौजूदा नियम के मुताबिक दिवंगत की विधवा को मृत्यु पर्यंत भत्ते का भुगतान किया जाता है। या अगर वह अपने दिवंगत पति के भाई से शादी करती है तो भी भत्ते का भुगतान किया जाता है।
- सरकार ने बताया है कि वीरता पुरस्कार पाने वाले भत्ते के हकदार होते हैं, जिसके लिए रक्षा मंत्रालय ने 1972 में एक पत्र जारी किया था।
- मंत्रालय ने 1995 में एक पत्र जारी किया, जिसे समय-समय पर संशोधित किया गया। अब तक की शर्त के अनुसार, भत्ता खुद पुरस्कार पाने वाले को दिया जाएगा और उसकी मौत के बाद यह भत्ता उसकी विधवा को दिया जाएगा।
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