Reverse Osmosis (RO) ~ A Water Purification Technology

प्रतीकात्मक फोटों

आर ओ (Reverse Osmosis) का अविष्कार सन 1950 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय अमेरिका में हुआ था। इसका उद्देश्य, समुद्री गंदे खारे पानी को साफ कर पीने योग्य जल बनाना। इस घटना को सबसे पहले 1748 में जीन-एंटोनी नोलेट के द्वारा देखी गयी थी।      

  • 1977 में इस आर ओ फ़िल्टर का सर्वप्रथम उपयोग अमेरिका के फ्लोरिडा शहर में पानी को साफ कर पीने योग्य बनाने हेतु किया गया था।       
  • अमेरिकी नौसेना द्वारा आर ओ फ़िल्टर का उपयोग अपने जवानों को समुद्री पानी को साफ कर पीने का पानी उपलब्ध करने हेतु किया जाता है।     
  • TDS (Total Dissolved solid) अर्थात जल में घुले कणों की संख्या को टी डी एस कहते है। 
  • खनिज लवण (जैसे सोडियम पोटासियम कैल्सियम मेगनीसियम मैंगनीज आयरन आयोडीन क्लोराइड बाईकार्बोनेट ), कार्बनिक पदार्थ , अकार्बनिक पदार्थ , सूक्ष्म जीव (Microorganisms ) आदि को सम्मिलित रूप से टी डी एस कहते है।
  • यूरोप के विकसित देशों में नल के पानी का टी डी एस 200 से 700 के बीच पाया जाता है।     
  • अमेरिका ने पीने योग्य पानी का मानक 500 टी डी एस तय किया है।      
  • आर ओ फ़िल्टर जल में प्राकृतिक रूप से मौजूद शरीर के लिए आवश्यक खनिज तत्वों को भी छान देता है। जिसके परिणाम स्वरुप शरीर में खनिज तत्वों की कमी हो जाती है। जिससे शरीर की हड्डी कमजोर हो जाती है, मांसपेशियों में एठन होती है।
  • 'पानी को बोतल या पाउच में पैक करने के प्लांट के लिए बीआइएस का प्रमाण पत्र जरूरी है।  
नकारात्मक कारण......
  • जहां एक तरफ एशिया और यूरोप के कई देश RO पर प्रतिबंध लगा चुके हैं वहीं भारत में RO की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और कई विदेशी कंपनियों ने यहां पर अपना बड़ा बाजार बना लिया।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर 500 टीडीएस तक सहन करने की छमता रखता है परंतु RO में 18 से 25 टीडीएस तक पानी की शुद्धता होती है।  
  • ध्यान रहे कि बारिश के पानी का टीडीएस केवल 10-50 मिग्रा/लीटर होता है।
पानी की बर्बादी.........
  • एक लीटर आर ओ पानी बनाने में 7 लीटर पानी बर्बाद होता है। आर ओ मशीन से एक पाइप निकली रहती है जिससे पानी लगातार बहकर नाली में जाता रहता है। जिससे पानी का भूजल स्तर गिरता जायेगा। जिसके लिए हमारी आने वाली पीढियां माफ़ नहीं करेंगी। 
बिजली की खपत........
  • बिना बिजली के आर ओ मशीन नहीं चलती है। बिजली के बिल का बोझ बढ़ता है। 
कर्ट्रिज़ बदलने का खर्च.........
  • लगभग साल डेढ़ साल में फ़िल्टर ख़राब हो जाता है। जिसे बदलने का खर्च लगभग 3 हजार है। 
आर ओ पानी पीना कैंसर को बढ़ावा........
  • आर ओ फ़िल्टर प्लास्टिक का बना होता है। तेज प्रेशर से पानी को फ़िल्टर से छाना जाता है जिससे कुछ मात्रा में प्लास्टिक का अंश भी पानी में घुल जाता है जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • 1 मई, 2002 के अमेरिकन जर्नल ऑफ़ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुई है। के मुताबिक लगातार आर ओ पानी पीने से शरीर में कैल्सियम और मैगनीसियम की कमी हो जाती है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। 
  • आर ओ पानी एसिडिक ( अम्लीय) होता है।
  • शुद्ध प्राकृतिक जल का pH 7 होता है। जबकि आर ओ का पानी 5 से 6 pH का होता है।
  • डॉ ओटो वारबुर्ग 1931 जिन्होंने कैंसर के कारणों की खोज की और नोबल पुरस्कार प्राप्त किया, के अनुसार शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी के कारण कैंसर होता है।
  • विश्व स्वस्थ्य संगठन WHO की स्टडी के अनुसार कम खनिज युक्त पानी पीने से पेशाब की मात्रा 20% प्रतिशत बढ़ जाती है जिससे शरीर से सोडियम पोटासियम कैल्सियम क्लोराइड मैगनीसियम आयन अधिक मात्रा में निकल जाते है।
  • वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक अगर पीने के पानी में मिनरल्स की कमी है तो उस कमी को अच्छा खाने से भी पूरा नहीं किया जा सकता।  
  • फोर्टिस हॉस्पिटल में ऑथोर्पेडिक कंसलटेंट डॉ. कौशलकांत मिश्रा कहते हैं कि जब पानी से मिनरल का कंटेंट कम होता है तो उसकी वजह से बॉडी में मिनरल की कमी हो जाती है। तब हड्डी में जमा मिनरल निकलकर बॉडी के मिनरल लेवल को मेंटेन करने की कोशिश करते हैं। इससे हड्डियों में कमजोरी आ सकती है और मिनरल के बिगड़े संतुलन की वजह से हॉर्मोन्स का संतुलन भी बिगड़ सकता है। 
साभार:- WHO study:Health risks from drinking demineralized water.
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Kent RO Systems Ltd is an Indian healthcare products company headquartered in Noida, Uttar Pradesh. It makes water purifiers based on the process of Reverse osmosis (RO) purification.

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