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जाने माने आध्यात्मिक गुरु और सामाजिक कार्यकर्ता भय्यूजी महाराज ने मंगलवार यानि 12 जून को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। मध्य प्रदेश में भय्यू जी महाराज को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था।
जाने माने आध्यात्मिक गुरु और सामाजिक कार्यकर्ता भय्यूजी महाराज ने मंगलवार यानि 12 जून को कथित तौर पर खुद को गोली मार ली। मध्य प्रदेश में भय्यू जी महाराज को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था।
- आपको बता दें कि भय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदय सिंह देखमुख है। उनका जन्म शुजालपुर (मध्य प्रदेश) के किसान परिवार में हुआ था। पिछले साल 30 अप्रैल, 2017 में भय्यूजी महाराज ने दूसरी शादी की थी। उन्होंने ग्वालियर की डॉक्टर आयुषी के साथ सात फेरे लिए थे। भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी का डेढ़ साल पहले (नवंबर 2015 में) निधन हो गया था। पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है।
- पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार जैसी हस्तियां उनके आश्रम आ चुकी हैं। भय्यूजी महाराज के पिता महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं।
- उनका मुख्य आश्रम इंदौर स्थित बापट चौराहे पर है। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके सानिध्य में संचालित होता है।
- भय्यू महाराज के पार्थिव देह को बेटी कुहू ने मुखाग्नि दी। इससे पहले उनकी शवयात्रा हजारों भक्तों के साथ मुक्तिधाम पहुंची, जहां शास्त्रोक्त विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। जिस गाड़ी में भय्यूजी महाराज की पार्थिव देह को रखा गया था उसको फूलों से सजाया गया था। उनकी पार्थिव देह को बॉम्बे हॉस्पिटल से उनके निवास स्थान स्कीम नंबर 74 स्थित आवास 'शिवनेरी' में लाया गया। यहां से भय्यूजी महाराज के पार्थिव शरीर को सुखलिया स्थित आश्रम 'सूर्योदय' में ले जाया गया है।
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