राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल ( Major Historical and Notable Sights of Rajasthan )

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राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल भाग-1
राजस्थान, प्राचीन भारतीय भवन निर्माण कला को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इसलिए राजस्थान में जाने वाले पर्यटन यह सब खरीदते हैं।
1. हवामहल (Palace of the Winds/Breeze) - जयपुर, राजस्थान 
  • हवामहल को सन 1798 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था और इसे किसी 'राजमुकुट' की तरह वास्तुकार लाल चंद उस्ता द्वारा डिजाइन किया गया था। 
2. जंतर मंतर (Jantar Mantar) - जयपुर, राजस्थान 
  • जयपुर का जन्तर मन्तर, सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा 1724 से 1734 के बीच निर्मित एक खगोलीय वेधशाला है।
  • सवाई जयसिंह एक खगोल वैज्ञानिक भी थे, जिनके योगदान और व्यक्तित्व की प्रशंसा जवाहर लाल नेहरू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' में सम्मानपूर्वक की है।
  • महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने हिन्दू खगोलशास्त्र में आधार पर देश भर में पांच वेधशालाओं का निर्माण कराया था। ये वेधशालाएं जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, बनारस और मथुरा में बनवाई गई।
  • यूनेस्को ने 1 अगस्त 2010 को जंतर-मंतर समेत दुनिया भर के सात स्मारकों को " विश्व धरोहर सूची " में शामिल करने की जो घोषणा की थी, उनमें जयपुर का जंतर मंतर भी एक है।
3. गलता जी - जयपुर, राजस्थान
  • दीवान राव कृपाराम, सवाई जय सिंह द्वितीय के लिए एक परिचर, 18 वीं सदी में, गलताजी मंदिर का निर्माण किया।  
  • दीवान कृपाराम द्वारा निर्मित उच्चतम चोटी के शिखर पर बना सूर्य देवता का छोटा मंदिर हैं। 
  • मंदिर परिसर में प्राकृतिक ताजा पानी स्प्रिंग्स और 7 पवित्र 'kunds' या पानी के टैंक शामिल हैं। इन kunds के बीच, 'Galta कुंड', पवित्रतम एक है और सूखी कभी नहीं माना जाता है।
4. जसवंत थड़ा - जोधपुर, राजस्थान
  • इसे सन 1899 में जोधपुर के महाराजा जसवंत सिंह जी (द्वितीय) (1888-1895) की यादगार में उनके उत्तराधिकारी महाराजा सरदार सिंह जी ने बनवाया था। 
5. पटवों की हवेली - जैसलमेर, राजस्थान
  • 1805 में जैसलमेर के बड़े व्यापारी गुमान चंद पटवा ने इस हवेली का निर्माण करवाया। अगले पाँच दशको में गुमान चंद ने अपने पाँच बेटों के लिए पाँच अलग अलग हवेलियों का निर्माण करवाया जो आज सामूहिक रूप से पटवों की हवेली के नाम से जानी जाती है।
6. सालीम सिंह की हवेली - जैसलमेर, राजस्थान
  • इस खूबसूरत इमारत को सलीम सिंह के द्वारा 1815 ई0 में बनाया गया था। इसे जहाजमहल भी कहा जाता है क्योंकि इसके सामने का हिस्सा एक जहाज की तरह दिखता है।
 7. रामगढ़ की हवेलियां - जैसलमेर, राजस्थान
  • इतिहासकार सुरजन सिंह शेखावत की किताब ‘'नवलगढ़ का संक्षिप्त इतिहास’' की भूमिका में लिखा है कि राजपूत राव शेखा ने 1433 से 1488 तक यहां शासन किया।
8. नथमल की हवेली - जैसलमेर, राजस्थान
  • नाथमलजी की हवेली जैसलमेर शहर के केन्द्र में स्थित है।
9. चौरासी खंभों की छतरी - बूँदी, राजस्थान
  • चौरासी खंभों की छतरी एक बरामदा है जो 84 खंभों पर स्थित है। इसे राव अनिरुद्ध सिंह ने 1740 में नर्स(परिचारिका) देवा द्वारा की गई सेवाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने हेतु बनवाया था। 
10. रानीजी की बावड़ी - बूँदी, राजस्थान 
  • 1699 में रानी नथावतजी के आदेश पर रानीजी की बावड़ी का निर्माण किया गया था।
12. क्षार बाग की छतरियाँ - बूँदी, राजस्थान
  • यह छतरी बूँदी ( बूँदी राजवंश की ) में स्थित है।
13. स्वर्ण या सुनहरी कोठी - टौंक, राजस्थान
  • सुनहरी कोठी जिसे शीश महल भी कहा जाता है इस स्मारक की आंतरिक दीवारों पर सोने की पॉलिश की गई है और इन पर हीरों और कांच की कलाकारी की गई है। 
  • इसका निर्माण नवाब मोहम्मद इब्राहिम अली खान ने करवाया था जो संगीत, नृत्य और कविताओं का बहुत शौकीन था।
14. विजय स्तम्भ - चित्तौड़, राजस्थान
  • इसे मेवाड़ नरेश राणा कुम्भा ने महमूद खिलजी के नेतृत्व वाली मालवा और गुजरात की सेनाओं पर विजय के स्मारक के रूप में सन् 1442 और 1449 के मध्य बनवाया था। 
  • यह राजस्थान पुलिस ओर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का प्रतीक चिन्ह है।
15. कीर्ति स्तम्भ - चित्तौड़, राजस्थान
  • इसे भगेरवाल जैन व्यापारी जीजाजी कथोड़ ने बारहवीं शताब्दी में बनवाया था। यह सात मंजिला है। इसमें 54 चरणों वाली सीढ़ी है। 
  • इसमें जैन पन्थ से सम्बन्धित चित्र भरे पड़े हैं। 
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