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Birth Anniversary: मार्क्सवाद के जनक जर्मनी के कालजयी महान विचारक कार्ल मार्क्स (Karl Marx) का 200वां जन्मदिन

Dear Readers,
दुनिया के मजदूरों एकजुट हो जाओ, तुम्हारे पास खोने को कुछ भी नहीं है, सिवाय अपनी जंजीरों के......

जर्मनी के महान विचारक, अर्थशास्त्री, इतिहासकार, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, वैज्ञानिक समाजवाद का प्रणेता, पत्रकार और क्रांतिकारी कार्ल हेनरिख मार्क्स का जन्म 5 मई, 1818 को त्रेवेस (प्रशा) के एक यहूदी परिवार में हुआ। कार्ल मार्क्स के विचार देश की सत्ता में महिलाओं और सर्वहारा वर्ग की हिस्सेदारी, पिछड़ों के अधिकारों का सम्मान और साथ लेकर चलने के इर्द-गिर्द घूमते हैं।

  1. जर्मन राजमंडल में प्रशिया साम्राज्य के ट्रियर शहर में वकील हीनरिक मार्क्स और हेनरीटा प्रेसबर्ग के घर 5 मई, 1818 को कार्ल मार्क्स का जन्म हुआ। बाद में उन्होंने 1816 में यहूदी धर्म छोड़कर ईसाई धर्म की प्रमुख शाखा कहे जाने वाले लूथरानिज्म धर्म को अपना लिया।
  2. 17 वर्ष की अवस्था में मार्क्स ने कानून का अध्ययन करने के लिए बॉन विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। तत्पश्चात्‌ उन्होंने बर्लिन और जेना विश्वविद्यालयों में साहित्य, इतिहास और दर्शन का अध्ययन किया।
  3. 1839-41 में उन्होंने दिमॉक्रितस और एपीक्यूरस के प्राकृतिक दर्शन पर शोध-प्रबंध लिखकर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 
  4. 1843 में अपनी पत्नी जेनी वॉन वेस्टफैलेन के साथ पेरिस आ गए। यहां उनकी मुलाकात साथी जर्मन प्रवासी फ्रेडरिक एंजेल्स से हुई।
  5. 1847 में फ्रेडरिक एजेंल्स के साथ 'अंतराष्ट्रीय समाजवाद' का प्रथम घोषणापत्र (द कम्युनिस्ट मॉनिफेस्टो) प्रकाशित किया।
  6. 1859 में मार्क्स ने अपने अर्थशास्त्रीय अध्ययन के निष्कर्ष 'जुर क्रिटिक दर पोलिटिशेन एकानामी' नामक पुस्तक में प्रकाशित किये। यह पुस्तक मार्क्स की उस बृहत्तर योजना का एक भाग थी उस योजना का प्रथम भाग 1867 में दास कैपिटल (द कैपिटल, हिंदी में पूंजी शीर्षक) के नाम से प्रकाशित किया। 
  7. 'द कैपिटल' के शेष भाग मार्क्स की मृत्यु के बाद एंजेल्स ने संपादित करके प्रकाशित किए। 'वर्गसंघर्ष' का सिद्धांत मार्क्स के 'वैज्ञानिक समाजवाद' का मेरूदंड है।
  8. 1864 में लंदन में 'अंतरराष्ट्रीय मजदूर संघ' की स्थापना में मार्क्स ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  9. मार्च 14, 1883 को मार्क्स के तूफानी जीवन की कहानी समाप्त हो गई। लंदन के हाइगेट कब्रिस्तान में उनकी समाधि बनी है।
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