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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और रतन टाटा ने 15 मार्च, 2018 ''प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन'' का दिल्ली में शुभारंभ किया। फाउंडेशन का उद्देश्य अनुसंधान, शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम करना है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और रतन टाटा ने 15 मार्च, 2018 ''प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन'' का दिल्ली में शुभारंभ किया। फाउंडेशन का उद्देश्य अनुसंधान, शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में काम करना है।
- भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त होने के नौ महीने बाद, प्रणब मुखर्जी एक और भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।
- प्रणब के पूर्व सचिव और निकट सहयोगी ओमिता पॉल इसके निर्देशक के रूप में काम करेंगे।
- देश के शीर्ष पद से रिटायर होने के बाद प्रणब मुखर्जी के नाम से ये स्थापना एक असधारण काम है।
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नाम से भी एक संस्थान इसी तरह काम करता है। जिसको सिविल इनोवेटर्स और युवा नेताओं को कौशल प्रदान करना है। इससे पहले भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और बिल क्लिंटन के नाम से संस्थाएं स्थापिक की जा चुकी हैं।
- 83 वर्षीय मुखर्जी, राष्ट्रपति भवन में अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षा और शोध के मानक में सुधार के प्रति भावुक थे।
- मुखर्जी ने राजनीति में शामिल होने से पहले एक कॉलेज में एक शिक्षक के रूप में अपना करियर शुरू किया था। विभिन्न मंत्रालयों में जाने के बाद, उन्हें 2012 में राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था।
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