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केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लागू किए गए गुड्स
एंड सर्विस टैक्स (GST) पर विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी कर सुधार प्रणाली (GST)
पर विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है। कि भारत में जीएसटी का फॉर्म सबसे
जटिल है और इसकी टैक्स दरें दुनिया में दूसरी सबसे ऊंची हैं। विश्व बैंक
द्वारा बुधवार यानी 14 मार्च, 2018 को "इंडिया डेवलपमेंट अपडेट की छमाही रिपोर्ट" जारी की गई।
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भारत में जीएसटी सबसे जटिल और दुनिया में दूसरा सबसे ऊंचे दर का टैक्स : वर्ल्ड बैंक |
- विश्व बैंक के अनुसार, दुनिया के 115 देशों में से भारत में टैक्स रेट दूसरा सबसे ऊंचा है।
- बता दें कि भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई, 2017 को अमल में लाए गए जीएसटी के ढांचे में पांच स्लैब (0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी) बनाए गए हैं।
- सरकार ने कई वस्तुओं और सेवाओं को GST के दायरे से बाहर भी रखा है और कुछ पर काफी कम टैक्स लगाए गए हैं। जैसे सोने पर 3 तो कीमती पत्थरों पर 0.25 फीसद की दर से कर लगाया गया है। वहीं, अल्कोहल, पेट्रोलियम उत्पाद, रियल एस्टेट पर लगने वाला स्टाम्प ड्यूटी और बिजली बिल को GST के दायरे से बाहर रखा गया है।
- दुनिया के 49 देशों में जीएसटी के एक और 28 देशों में दो टैक्स स्लैव हैं। लेकिन भारत समेत पांच देशों में इसके पांच स्लैब बनाए गए हैं। पांच स्लैब वाले देश हैं- भारत, इटली, लक्जम्बर्ग, पाकिस्तान और घाना। बता दें कि चारों देशों की अर्थव्यवस्था डांवाडोल है।
- विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में सलाह दी है कि टैक्स रेट कम करने के साथ ही कानूनी प्रावधान और प्रक्रियाएं सरल बनाई जाएं।
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