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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मोबाइल वॉलेट यूजर्स को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि 28 फरवरी, 2018 के बाद भी उनके वॉलेट में पड़ा बैलेंस खत्म नहीं होगा।
गौरतलब है कि आरबीआई ने ई-वॉलिट्स यूजर्स को केवीआई अपडेट के लिए 31 दिसंबर, 2017 तक का समय दिया था। |
- आरबीआई के डिप्टी डायरेक्टर बीपी कानूनगो ने कहा कि कस्टमर 1 मार्च, 2018 से बिना केवाईसी के लिए वॉलेट में पैसा नहीं डाल सकेंगे।
- आरबीआई ने 11 अक्टूबर 2017 को प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रुमेंट्स (PPIs) के लिए गाइडलाइन जारी की थी।
- सभी मोबाइल वॉलेट कंपनियों को अपने ग्राहकों का केवाईसी नॉर्म्स पूरा करने के लिए फरवरी 2018 तक का वक्त दिया था।
- आरबीआई के आदेश के मुताबिक, 10 हजार रुपए से कम का भुगतान करने वाले ग्राहकों को भी मार्च से पहले केवाईसी करना जरूरी है।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक देश में 9 फीसदी से भी कम यूजर्स ने केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा किया है। इसका मतलब है कि 91 फीसदी अकाउंट केवाईसी नॉर्म्स को पूरा किए बिना काम कर रहे हैं।
- गौरतलब है कि फिलहाल आरबीआई की ओर से मंजूरी प्राप्त 55 नॉन बैंक प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट्स देश में चल रहे हैं। इनके अलावा 50 ई-वॉलिट्स ऐसे हैं, जिन्हें बैंक प्रमोट करते हैं।
- पेटीएम, मोबीक्विक, एसबीआई बड्डी, एचडीएफसी पैजेप, एम-पैसा, एयरटेल मनी, चिल्लर, फोन-पे प्रमुख मोबाइल वॉलेट कंपनियां हैं।
- बता दें कि पेटीएम एक मात्र ऐसा मोबाइल वॉलेट है, जिसमें कंपनी का प्रतिनिधि आपके घर या ऑफिस आकर के केवाईसी की औपचारिकता को पूरा करता है।
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