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हिन्दी के वयोवृद्ध आलोचक एवं सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ. रमेश कुंतल मेघ, राजस्थान के नीरज दईया, संस्कृत के निरंजन मिश्र और मराठी के श्रीकांत देशमुख समेत 24 लेखकों को इस वर्ष के साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
हिन्दी के वयोवृद्ध आलोचक एवं सुप्रसिद्ध विद्वान डॉ. रमेश कुंतल मेघ, राजस्थान के नीरज दईया, संस्कृत के निरंजन मिश्र और मराठी के श्रीकांत देशमुख समेत 24 लेखकों को इस वर्ष के साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
- साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक में इन पुरस्कारों को मंजूरी दी गई।
- अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने पुरस्कारों की घोषणा करते हुए पत्रकारों को बताया कि इस बार सात उपन्यास, पांच कविता संग्रह, पांच समालोचना, एक नाटक और एक निवंध के लिए ये पुरस्कार दिए जा रहे हैं।
- पुरस्कार में हर लेखक को एक-एक लाख रुपये, एक प्रतीक चिह्न एवं एक प्रशस्ति पत्र शामिल है।
- उन्होंने बताया कि ये पुरस्कार 12 फरवरी को राजधानी में होने वाले साहित्योत्सव में प्रदान किए जाएंगे। ये पुरस्कार एक जनवरी 2011 से 31 दिसंबर 2015 के दौरान प्रकाशित पुस्तकों के लिए दिए गए।
- डॉ. रमेश कुंतल मेघ को यह पुरस्कार उनकी आलोचनात्मक पुस्तक "विश्व मिथक्सरित्सागर" के लिए दिया गया।
- हिन्दी के लिए चयन समिति में डॉ. विजय बहादुर सिंह, श्रीमती नासिर शर्मा और डॉ सदानंद गुप्ता थे।
- कविता के लिए उदय नारायण सिंह नचिकेता (मैथिली), श्रीकांत देशमुख (मराठी), भुजुन्गटुडू (संथाली), स्व इन्कलाब (तमिल) और देवप्रिया (तेलुगु) को यह पुरस्कार मिला।
- उपन्यास के लिए पुरस्कृत लेखकों में जयंत माधव बार (असमिया), अफसार आमेद (बंगला), रीता बार (बोडो), ममंग दाई (अंग्रेजी), के पी राम नुन्नी (मलयालम), निरंजन मिश्र और नछतर (पंजाबी) शामिल हैं।
- डोगरी के शिव मेहता कश्मीरी के अवतार कृष्ण रहबर कोंकणी के गजानन जोग ओडिया की गायत्री सराफ और उर्दू के बेग एहसास की कहानी ‘दख़मा’ के लिए यह पुरस्कार मिला।
- गुजरती के लेखक उर्मिघण श्याम देसाई, हिन्दी के लेखक डॉ, रमेश कुंतल मेघ, द कन्नड़ के टी पी अशोक नेपाली के वीणा हांग्खिम, राजस्थानी के नीरज दईया को आलोचना और मणिपुरी के राजेन तोइजाम्बा को नाटक तथा सिन्धी के लेखक जगदीश लछानी को निबंध के लिए यह पुरस्कार दिए जाएंगे।
- इसके साथ ही 24 भाषाओं में पुस्तकों के अनुवाद के लिए भी अनुवाद पुरस्कार की भी घोषणा की गई। अनुवाद पुरस्कार में 50 हज़ार रुपये प्रशस्ति पत्र स्मृति चिह्न भी शामिल है। पुरस्कार अगले वर्ष जुलाई में दिए जाएंगे।
भारत में एक साहित्यिक सम्मान है, जो साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष भारत की अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; यानी कुल 24 भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए।
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