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भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर और हरफनमौला ऑलराउंडर युवराज सिंह को खेल में दिये योगदान के लिये ग्वालियर की आईएमटी विश्वविद्यालय ने 30 नवम्बर, 2017 को दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की मानद् उपाधि से नवाजा गया है।
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- 35 वर्षीय क्रिकेटर युवराज को डॉक्टरेट की मानद डिलीट उपाधि से सम्मानित किया गया है।
- क्रिकेटर युवराज को यह सम्मान मैदान में असाधारण खेल कौशल दिखाने के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से निजात पाने के बाद दूसरों को हौसला देने के लिये दिया गया है।
- जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, ऑलराउंडर युवराज के अलावा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के अध्यक्ष डा. ए.एस किरण कुमार (अंतरिक्ष विज्ञान), गोविंद निहलानी (फिल्मकार), डा. अशोक वाजपेयी (साहित्यकार), रजत शर्मा (पत्रकारिता), डा. आर.ए माशेलकर (विज्ञान एवं तकनीक) और अरुणा राय (सामाजिक कार्य) को भी विभिन्न क्षेत्रों में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिये सम्मानित किया गया।
- युवी ने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद कहा मैं डॉक्टरेट की उपाधि दिये जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।
- भारतीय क्रिकेट स्टार ऑलराउंडर युवी ने तीनों प्रारूपों में राष्ट्रीय टीम के लिये 400 से अधिक मैचों में करीब 10 हजार अंतरराष्ट्रीय रन बनाये हैं।
- कैंसर की जंग से जूझने के बाद युवराज ने इसी बीमारी से पीडि़त लोगों के लिये ‘यू-वी कैन’ नाम की संस्था भी वर्ष 2012 में स्थापित की थी।
- युवराज सिंह (युवी) ने '20-20 विश्व कप 2007' में इंग्लैंड के खिलाफ 6 गेंदों में 6 छक्के मारे थे, और 20-20 में 12 गेंदों में अर्धशतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
- युवराज सिंह को विश्व कप 2011 में अहम भूमिका निभाने में मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया।
- इनका जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में भूतपूर्व क्रिकेट खिलाड़ी योगराज सिंह के यहाँ जाट परिवार में हुआ था।
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