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पैराडाइज़ पेपर्स 1.34 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेंजों का सेट है जो 5 नवंबर, 2017 को लीक हुआ और जिसके जरिए दुनिया भर के राजनेताओं और उद्योगपतियों द्वारा टैक्स चोरी करने के उद्देश्य से अपने देश से बाहर भारी निवेश उजागर हुए हैं यह खुलासा जर्मनी के ज़्यूड डॉयचे त्साइटुंग नामक उसी अखबार ने किया है जिसने 18 महीने पहले पनामा पेपर्स का खुलासा किया था।
पैराडाइज़ पेपर्स 1.34 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेंजों का सेट है जो 5 नवंबर, 2017 को लीक हुआ और जिसके जरिए दुनिया भर के राजनेताओं और उद्योगपतियों द्वारा टैक्स चोरी करने के उद्देश्य से अपने देश से बाहर भारी निवेश उजागर हुए हैं यह खुलासा जर्मनी के ज़्यूड डॉयचे त्साइटुंग नामक उसी अखबार ने किया है जिसने 18 महीने पहले पनामा पेपर्स का खुलासा किया था।
- सरकार की तरफ़ से कहा गया है, "पैराडाइज़ पेपर्स से जुड़े मामलों की जांच की निगरानी के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के चेयरमैन की अध्यक्षता में एक समूह गठित किया है जिसमें सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और फिनांशियल इंटेलीजेंस यूनिट के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ़ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने 'पैराडाइज पेपर्स' नामक दस्तावेजों की छानबीन की है।
- इंडियन एक्सप्रेस, आईसीआईजे का सदस्य है और उसने कर चोरी वाले देशों की कंपनियों से मिले एक करोड़ 34 लाख दस्तावेज में भारत से संबंधित दस्तावेज की पड़ताल की है।
- 67 देशों के क़रीब 100 मीडिया संस्था से इसमें शामिल हैं, जिसमें गार्डियन, बीबीसी (पैनोरमा टीम), भारत से केवल इंडियन एक्सप्रेस शामिल है, इसमें 1.34 करोड़ दस्तावेज़ लीक हुए हैं।
- आईसीआईजे के भारतीय सहयोगी मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं।
- विश्व में कुल 180 देशों के नाम इस लिस्ट में हैं। इस लिस्ट में भारत 19वें नंबर पर है।
- 119 साल पुरानी संस्था बरमूडा की लॉ फर्म एप्पलबी, यह कंपनी वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक सदस्य है। इस नेटवर्क में वे लोग भी शामिल हैं जो अपने क्लाइंट्स के लिए विदेशों में कंपनियां सेट अप करते हैं और उनके बैंक अकाउंट्स को मैनेज करते हैं।
- खास बात यह है कि एप्पलबी का दूसरी सबसे बड़ी क्लाइंट एक भारतीय कंपनी सन टीवी है, जिसकी दुनियाभर में करीब 118 सहयोगी कंपनियां हैं।
- पैराडाइज पेपर्स में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई मंत्री (विलबर रॉस), कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो के चीफ फंडरेज़र तक के नाम शामिल हैं।
क्या है एप्पलबी....
- एप्पलबी, दुनिया की सबसे बड़ी ऑफशोर कानूनी सलाह देने वाली कंपनी है जो कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और अमीरों को कानूनी सलाह देती है और विदेश में कंपनियों को रजिस्टर करने में मदद करती है।
- एप्पलबी नामक संस्था को 1890 में मेजर रेगिनाल्ड एप्पलबी ने बरमूडा में कानून फर्म शुरू किया था।
- दस्तावेजों के मुताबिक इस कंपनी के सर्वाधिक 31,000 क्लाइंट अमेरिका से हैं। इसके बाद ब्रिटेन से 14,000 और बरमूडा से 12,000 ग्राहक हैं।
खबर भारत से.... (मुख्य)
पैराडाइज पेपर्स के इस खुलासे में 180 देशों में भारत का स्थान 19 वें स्थान पर है। कुल मिलाकर, इस संख्या में 714 भारतीय हैं।- राजनेता और उद्योगपतियों के नाम- पूर्व मंत्री सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री वायलर रवि के बेटे, केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, वीरप्पा मोइली के पुत्र, बीजेपी के राज्यसभा सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा, राज्यसभा के पूर्व सदस्य संसद सदस्य विजय माल्या, फॉर्टिस के चेयरमैन डॉ अशोक सेठ आदि।
- बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन (बरमूडा स्थित डिजिटल मीडिया कंपनी में शेयरधारक के रूप में), अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के (पुराना नाम "दिलनशीं") आदि।
- पैराडाइज पेपर्स में सूचीबद्ध कंपनियों में अपोलो टायर्स, एस्सेल ग्रुप, डीएस कंस्ट्रक्शन, एमार एमजीएफ, जीएमआर ग्रुप, हैवेल्स, हिंदुजा ग्रुप, हिरनंदानी ग्रुप, जिंदल स्टील, सन समूह और वीडियोकॉन शामिल हैं।
जयंत सिन्हा का हलफनामा...
- साल 2014 में झारखण्ड के हज़ारीबाग़ से लोकसभा सांसद और नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केद्रीय राज्यमंत्री बनने से पहले, जयंत सिन्हा ओमिड्यार नेटवर्क के इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर थे।
- इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, लोकसभा चुनाव 2014 में बतौर उम्मीदवार हलफ़नामा भरा तो उसमें इसकी जानकारी नहीं दी थी। और न ही उन्होंने लोकसभा सचिवालय या 2016 में एक मंत्री के तौर पर इसकी जानकारी नहीं दी। अर्थात् जयंत सिन्हा ने चुनाव आयोग, लोकसभा सचिवालय और पीएमओ को इसकी जानकारी नहीं दी।
- ओमिडयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी D.Light डिजाइन में निवेश कर रखा था। D.Light डिजाइन की एक शाखा केमैन आइलैंड में भी स्थित थी।
- D.Light डिजाइन इंक की स्थापना 2006 में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में हुई थी। और इसकी इसी नाम से एक शाखा केमैन आइलैंड में खुली थी।
- डिलाइट डिज़ाइन दुनिया की अग्रणी सोलर पावर कंपनियों में से एक है। 2010 में, ओमिडयार नेटवर्क ने D.Light डिजाइन में निवेश किया था।
- जयंत सिन्हा ने सितंबर 2009 में मैनेजिंग निदेशक के तौर पर ओमिड्यार नेटवर्क जॉइन किया था और इस्तीफ़ा दिसंबर 2013 में दिया। और जनवरी 2014 से नवंबर 2014 तक बोर्ड में मैं एक स्वतंत्र निदेशक था।
- D.Light ने अपनी केमैन आईलैंड स्थिति शाखा के माध्यम से नीदरलैंड के एक निवेशक से 30 लाख डॉलर (आज की दर से करीब 19 करोड़ रुपये) कर्ज हासिल किया था।
- विदेशी कानूनी सलाह देने वाली कंपनी एप्पलबी के दस्तावेज के अनुसार, लोन एग्रीमेंट 31 दिसबंर 2012 को हुआ था, तब जयंत सिन्हा D.Light डिज़ाइन के निदेशक थे।
- D.Light डिजाइन (केमैन) को ग्लोबल कमर्शियल माइक्रोफिनांस कन्सोर्शियम टू बीवी से 30 लाख डॉलर कर्ज लेने की मंजूरी दी। जो नीदरलैंड्स-इनकॉर्पोरेटेड प्राइवेट लिमिटेड लाइबलिटी कंपनी है।
- कर्ज 15-15 लाख डॉलर की दो किस्तों में लिये जाने को इजाजत दी गयी थी। इस दस्तावेज पर जिन छह लोगों के दस्तखत हैं उनमें एक जयंत सिन्हा हैं।
- D.Light डिजाइन घरों में बगैर बिजली के चलने वाले उच्च गुणवत्ता वाले उपभोक्ता वस्तुओं की डिजाइन और निर्माण का कारोबार करती थी। इसे ईबे के संस्थापक पियरे ओमिडयार और उनकी बीवी पैम ने साल 2004 में स्थापित किया था। इसमें भी ओमिड्यार नेटवर्क का निवेश है।
- भारत में ओमिडयार नेटवर्क में इंडियन निवेशक क्विकर, अक्षरा फाउंडेशन, अनुदीप फाउंडेशन, एसपाइरिंग माइंड्स और हेल्थकार्ट हैं।
- ओमिड्यार नेटवर्क ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ''जयंत सिन्हा पार्टनर, मैनेजिंग डायरेक्टर और सलाहकार रहे हैं।
बीजेपी सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा-
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 2014 में बिहार से राज्यसभा सांसद चुने गए रवींद्र किशोर सिन्हा सदन में सबसे अमीर सांसद माने जाते हैं। पूर्व पत्रकार रवींद्र किशोर सिन्हा (आर.के.सिन्हा) ने प्राइवेट सिक्युरिटी कंपनी एसआईएस की स्थापना की थी।- माल्टा रजिस्ट्री के रिकॉर्ड के मुताबिक़, एसआईएस एशिया पैसिफिक होल्डिंग्स एलटीडी (SAPHL) का माल्टा में 2008 में एसआईएस की सब्सिडरी के रूप में रजिस्ट्रेशन हुआ था।
- रवींद्र किशोर सिन्हा इस कंपनी में नाममात्र के शेयरहोल्डर हैं, लेकिन उनकी पत्नी रीता किशोर सिन्हा एसएपीएचएल की निदेशक हैं।
- माल्टा रजिस्ट्री में 13 अक्टूबर, 2008 के दस्तावेज़ों के मुताबिक़, SAPHL के 1499 साधारण शेयर एक यूरो प्रति शेयर के मूल्य पर पीसीएल इंटरनेशनल होल्डिंग लीमिटेड माल्टा से इंटरनेशनल होल्डिंग्स लीमिटेड ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में ट्रांसफ़र किया गया।
- SIHL के निदेशक सिन्हा, उनकी पत्नी रीता किशोर और बेटे ऋतुराज किशोर सिन्हा हैं।
पैराडाइज पेपर्स, बड़ी संख्या में लीक दस्तावेज़ हैं, जिनमें ज़्यादातर दस्तावेज़ आफ़शोर क़ानूनी फर्म एप्पलबी से संबंधित हैं।
- जर्मन अखबार Süddeutsche Zeitung को बरमूडा की कंपनी एप्पलबी, सिंगापुर के एसियासिटी ट्रस्ट और टैक्स चोरी करने वालों का स्वर्ग समझे जाने वाले 19 देशों में कराई गई कार्पोरेट रजिस्ट्रियों से जुड़े करीब 1 करोड़ 34 लाख डॉक्युमेंट्स मिले।
- जर्मन अखबार ने ये दस्तावेज इंटरनेशनल कॉन्सार्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट (आईसीआईजे) के साथ साझा किया। इंडिया एक्सप्रेस आईसीआईजे का सदस्य हैं और उसने भारत से जुड़े हुए सभी दस्तावेजों की पड़ताल की है।
- Süddeutsche Zeitung वही अखबार है, जिसने 18 महीने पहले पनामा पेपर्स का खुलासा किया था।
- इस लीक का केंद्र Appleby नाम की एक लॉ फर्म है जो बरमूडा, ब्रिटेन के वर्जिन आईलैंड, केमैन आईलैंड, आइल ऑफ मैन और जर्सी से ऑपरेट करती है।
- इससे पहले 2016 में ब्रिटेन में पनामा की लॉ फर्म के 1.15 करोड़ डॉक्युमेंट्स लीक हुए थे।
https://navbharattimes.indiatimes.com/india/icij-released-the-paradise-papers/articleshow/61523477.cms
http://thewirehindi.com/23891/paradise-papers-over-700-indians-identified-in-global-investigation-on-offshore-dealings/
http://www.bbc.com/hindi/india-41882080
http://www.jansatta.com/about/paradise-papers/
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