3 जून 1947: वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने हिंदुस्तान के बंटवारे का ऐलान किया

Dear Readers,

अंग्रेज, ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर के द्वारा जून 1948 में भारत छोड़ने वाले थे लेकिन नवनियुक्त ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल और भारत के अंतिम वाइसराय लार्ड माउंटबेटन आज यानि 3 जून को भारत के बंटवारे का प्रस्ताव पेश कर रहे थे और आज ही के दिन उन्होंने ऐलान किया था कि जून 1948 के बजाय अंग्रेज 15 अगस्त 1947 को ट्रान्सफर ऑफ़ पॉवर कर रहे है।

  1. साल 1947 में 20 फरवरी को लॉर्ड लुइस माउंटबेटन को ब्रिटिश भारत का आखिरी वायसराय नियुक्‍त किया गया था।
  2. माउंटबेटन ने 4 जून को भारतीय संसद भवन (लेजिस्लेटिव कौंसिल ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया) में प्रेस कांफ्रेंस कर इसका (बंटवारे) ऐलान पूरी दुनिया के सामने कर दिया, इस प्लान को माउन्टबेटन प्लान, थर्ड जून प्लान कहते है। यही प्लान ब्रिटिश संसद से पास होकर इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 बना, इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 में ही बंटवारे के सारे नियम शर्ते लिखे गये है।
  3. 'माउन्टबेटन योजना' के आधार पर ही 'भारतीय स्वतंत्रता विधेयक' ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई, 1947 ई. को प्रस्तुत किया गया, जिसे 18 जुलाई को स्वीकृत मिली।
  4. जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री एवं लॉर्ड माउन्ट बेटन प्रथम गवर्नर-जनरल बने तथा पाकिस्तान का गवर्नर-जनरल मुहम्मद अली जिन्ना एवं प्रधामंत्री लियाकत अली को बनाया गया।  
लार्ड माउंटबेटन के बारे में.....
लॉर्ड माउण्टबेटेन का मूल नाम 'लुई फ़्राँसिस एल्बर्ट विक्टर निकोलस' था। इनका जन्म 25 जून, 1900 ई. में विंडसर, इंग्लैण्ड में हुआ और मृत्यु 27 अगस्त, 1979 ई. में काउण्टी स्लाइगो, आयरलैण्ड में हुई। माउंटबेटन, एक ब्रिटिश राजनीतिज्ञ और नौसैनिक अधिकारी व राजकुमार फिलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक (एलिजाबेथ II के पति) के मामा थे।
  1. माउंटबेटन, भारत के आखिरी वायसरॉय (1947) थे और स्वतंत्र भारतीय संघ के पहले गवर्नर-जनरल (1947-48) थे।
  2. माउंटबेटन, बैटनबर्ग के राजकुमार लुइस और उनकी पत्नी हीसे व राईन की राजकुमारी विक्टोरिया के दूसरे पुत्र और सबसे छोटी संतान थे। 
  3. माउंटबेटन के नाना-नानी लुडविग चतुर्थ, हीसे व राईन के ग्रांड ड्यूक और ब्रिटेन की राजकुमारी ऐलिस थे, जो महारानी विक्टोरिया और प्रिंस कंसोर्ट अल्बर्ट की बेटी थी। उनके दादा दादी हीसे के राजकुमार अलेक्जेंडर और बैटनबर्ग की राजकुमारी जूलिया थे।
  4. 1922 में माउंटबेटन भारत के एक शाही दौरे पर प्रिंस ऑफ़ वेल्स एडवर्ड के साथ आये। इसी यात्रा के दौरान वह अपनी होने वाली पत्नी एडविना से मिले और उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया। उन्होंने 18 जुलाई, 1922 को शादी की। 
  5. अक्टूबर 1943 में, चर्चिल ने माउंटबेटन को दक्षिण पूर्वी एशिया कमान का प्रधान संबद्ध कमांडर नियुक्त किया।
  6. माउंटबेटन कांग्रेसी नेता नेहरु के निकटवर्ती थे, उन्हें उनकी भारत के लिए उदारपंथी सोच पसंद थी। वह मुस्लिम नेता जिन्ना के प्रति अलग विचार रखते थे।
  7. पंजाब-विभाजन की भयंकर दुर्घटनाओं का सनसनीखेज विवरण कॉलिंस और लापियर की पुस्तक ''फ्रीडम एट मिडनाइट'', जिसके माउंटबेटन स्वयं मुख्य सूचनाकर थे।
अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें।

Comments