भारतीय नौसेना को मिली पहली स्कॉर्पीन पनडुब्बी 'कलवरी'

प्रिय पाठकगण,

21 सितंबर, 2017 को पोत निर्माण इकाई मजगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने स्कॉर्पियन श्रेणी की स्वदेश निर्मित प्रथम पनडुब्बी ‘आईएनएस कलवरी’ भारतीय नौसेना को सौंप दी है।

  • ‘कलवरी’ प्रोजेक्ट-75 के तहत विकसित की जाने वाली 6 स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की शृंखला की प्रथम पनडुब्बी है।
  • कलवरी का नाम टाइगर शार्क पर रखा गया है। 
  • कलवरी के बाद दूसरी पनडुब्बी खंदेरी की समुद्र में मूवमेंट जून में शुरू हो गई थी। अगले साल इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
    तीसरी पनडुब्बी वेला को इसी साल पानी में उतारा जाएगा।
  • प्रॉजेक्ट स्कॉर्पिन पनडुब्बियों का प्रॉजेक्ट मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) और फ्रांस की कंपनी नवल ग्रुप (पूर्व में डीसीएनएस) के मध्य तकनीकी हस्तांतरण के आधार पर मझगांव डॉक लि. मुंबई में इन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।
  • 2005 में रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस की कंपनी डीसीएनएस से 23,652 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था।
  • मेक इन इंडिया के तहत बनी यह पनडुब्बी दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है। ये टॉरपीडो और ऐंटी शिप मिसाइलों से हमले कर सकती है।
  • नौसेना के बेड़े में फिलहाल शिशुमार क्लास (जर्मन) की 4 छोटी, जबकि सिंधुघोष क्लास (रशियन) की 9 बड़ी पारंपरिक पनडुब्बियां हैं, इनमें ज्यादातर 25 साल की औसत उम्र को पार कर चली हैं।
  • 1999 में तैयार प्लान के मुताबिक 2029 तक 24 पनडुब्बियां बनाने की योजना बनी। पहले प्रॉजेक्ट P75 के तहत स्कॉर्पिन क्लास की 6 पनडुब्बियों का निर्माण शुरू हुआ।
  • गौरतलब हो कि भारतीय नौसेना में पहली कलवरी 1967 में शामिल हुई था।
  • ये भारत की पहली पनडुब्बी थी और इसने 30 साल तक देश की रक्षा के लिए काम किया।

क्या है 'आईएनएस कलवरी (एस50)' सबमरीन की खासियत?

  1. 'आईएनएस कलवरी' डीजल और इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है।
  2. यह पनडुब्बी निर्देशित हथियारों से छिपकर हमला करने की क्षमता से युक्त है।
  3. इसके द्वारा जल के सतह पर अथवा पानी के नीचे एंटीशिप मिसाइलों व टारपीडो से हमला किया जा सकता है।
  4. इसमें लगे विशेष तकनीक 'निर्देशित शस्त्र' दुश्मन पर सटीक हमला करने में सक्षम है।
  5. टॉरपीडो के साथ हमलों के अलावा इससे पानी के अंदर भी हमला किया जा सकता है। 
  6. 'आईएनएस कलवरी’ पनडुब्बी एक विशेष प्रकार के इस्पात (स्टील) द्वारा निर्मित है जो उच्च तनाव सहने की क्षमता व उच्च तन्यता की विशेषता से युक्त है।     
  7. स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बियों का विकास भारत सरकार एवं फ्रांस सरकार के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है।     
  8. प्रोजेक्ट-75 के तहत विकसित स्कॉर्पियन पनडुब्बियों की लागत लगभग 3.5 बिलियन डॉलर है।
  9. कलवरी को प्रोजेक्ट 75 (P-75) के तहत डेवलप किया गया है। इसे मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDSL) ने फ्रांस की कंपनी DCNS के साथ मिलकर तैयार किया है।  
  10. आईएनएस कलवरी पनडुब्बी को अपनी विशेषताओं के कारण ‘टाइगर सार्क (मछली)’ कहा जाता है।

=>पनडुब्बी (सबमैरीन) क्या हैं?

  • पनडुब्बी एक प्रकार का जलयान (वॉटरक्राफ़्ट) है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है।
  • विश्व की पहली पनडुब्बी एक डच वैज्ञानिक द्वारा सन 1602 में और पहली सैनिक पनडुब्बी टर्टल 1775 में बनाई गई। 
  • हॉलीवुड के कुछ चलचित्रों जैसे आक्टोपस-1, आक्टोपस-2, द कोर में समुद्री दुनिया के मिथकों को दिखाने के लिये भी पनडुब्बियो को दिखाया गया है।
  • भारतीय नौसेना पोत आईएनएस अरिहंत परमाणु शक्ति चालित भारत की प्रथम पनडुब्बी है। इसको बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस प्रकार की पनडुब्बियां है।
प्रश्न:-हाल ही में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा स्कॉर्पियन श्रेणी की स्वदेश निर्मित प्रथम पनडुब्बी ‘कलवरी’ भारतीय नौसेना में शामिल की। स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बियों का विकास भारत सरकार द्वारा किस देश के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है?
(a) इस्राइल
(b) फ्रांस
(c) अमेरिका
(d) रूस
उत्तर-
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http://www.livehindustan.com/national/story-first-scorpene-class-ins-kalvari-delivered-to-indian-navy-1560170.html
http://www.inkhabar.com/national/51187-navy-gets-first-scorpene-submarine-ins-kalvari

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