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''नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ)'' का नवीनतम ''ऑपरेशनल कैरेक्टेरिस्टिक्स ऑफ अनइन्कॉरपोरेटेड नॉन-एग्रीकल्चरल एंटरप्राइजेज (एक्सक्लूडिंग कंस्ट्रक्शन) इन इंडिया'' शीर्षक वाली रिपोर्ट को हाल ही में जारी की गयी।
Source: www.jagran.com | 31-03-2018 |
''नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ)'' का नवीनतम ''ऑपरेशनल कैरेक्टेरिस्टिक्स ऑफ अनइन्कॉरपोरेटेड नॉन-एग्रीकल्चरल एंटरप्राइजेज (एक्सक्लूडिंग कंस्ट्रक्शन) इन इंडिया'' शीर्षक वाली रिपोर्ट को हाल ही में जारी की गयी।
- एनएसएसओ रिपोर्ट के अनुसार, देश के 98 फीसदी 'अनइन्कॉरपोरेटेड नॉन-एग्रीकल्चरल एंटरप्राइजेज' को किसी भी तरह की कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है।
- छोटे व्यापार, मैन्यूफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र से जु़ड़े ये उद्यम 11 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं।
- जुलाई 2015 से जून 2016 के दौरान देश भर में ऐसे चुनिंदा एंटरप्राइजेज का सर्वे करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
- 'अनइन्कॉरपोरेटेड नॉन-एग्रीकल्चरल एंटरप्राइजेज' का आशय प्रॉपराइटरशिप या पार्टनरशिप के रूप में चलने वाले छोटे उद्यमों से है।
- एनएसएसओ के इस सर्वे में यह बताने का प्रयास किया है। कि इन उद्यमों को वित्तीय लोन, सब्सिडी, मशीन या उपकरण, कौशल विकास, मार्केटिंग, कच्चा माल या किसी अन्य प्रकार की कोई सरकारी मदद मिल रही है या नहीं, तो कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए।
- एनएसएसओ के अनुसार, महज दो प्रतिशत उद्यमों को ही सरकार से मदद मिली। बाकी उद्यमों को न तो कोई सरकारी सब्सिडी मिली और न ही मशीनरी या उपकरण।
- एनएसएसओ के अनुसार, ''अनइन्कॉरपोरेटेड नॉन-एग्रीकल्चरल एंटरप्राइजेज'' श्रेणी में देश में कुल 6.34 करोड़ उद्यम आते हैं। ऐसे उद्यमों की सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक में है।
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