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संकटग्रस्त टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर एयरसेल ने 28 फरवरी, 2018 को खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए मुंबई स्थित राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास अर्जी दाखिल की है।
संकटग्रस्त टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर एयरसेल ने 28 फरवरी, 2018 को खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए मुंबई स्थित राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास अर्जी दाखिल की है।
- कॉरपोरेट देनदार (एयरसेल सेल्यूलर, डिशनेट वायरलेस और एयरसेल) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने तीन कंपनियों के लिए अंडरटेकिंग कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) के लिए "इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016" की धारा 10 के तहत आवेदन दाखिल किया है।
- गौरतलब है कि कंपनी अपने कर्जदारों से सितंबर से 15,500 करोड़ रुपये के कर्ज को रिस्ट्रक्चर करने की बातचीत कर रही है।
- मलेशियाई प्रमोटर मैक्सिस कम्यूनिकेशंस के एयरसेल में नया निवेश करने से इनकार करने के बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है।
- एयरसेल के बाद बाजार में एयरटेल, जियो, वोडाफोन, आइडिया और बीएसएनएल शेष रह जाएंगी।
- कंपनी की आय की बात करें तो एयरसेल प्रति महीने 400 करोड़ कमाती है।
- गौरतलब है कि हाल ही में कंपनी ने 6 टैलीकॉम सर्कल्स में अपनी सेवाएं बंद की हैं।
- दिसंबर 2017 के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी देश की छठी सबसे बड़ी मोबाइल सर्विस ऑपरेटर है और इसके लगभग 8.5 करोड़ उपभोक्ता देशभर में हैं।
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