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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिंगायत समुदाय के लोगों को अलग धर्म का दर्जा देने के सुझाव को मंजूरी दे दी है।
कर्नाटक में लिंगायत समाज को अगड़ी जातियों में गिना जाता है। कर्नाटक में करीब 18 प्रतिशत लिंगायत समुदाय के लोग हैं।
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- कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के लोगों की संख्या करीब 18 प्रतिशत है। इसके अलावा बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
- सरकार ने सोमवार यानी 19 मार्च, 2018 को बड़ा फैसला लेते हुए लिंगायत और वीरशैव लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की सिफारिश केंद्र सरकार से कर दी है।
- विशेषज्ञ समिति के मुताबिक लिंगायत समुदाय के लोग 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बासवेश्वर या बासवन्ना के विचारों को मानते हैं।
- कर्नाटक सरकार ने नागमोहन कमेटी की सिफारिशों को स्टेट माइनॉरिटी कमीशन एक्ट की धारा 2डी के तहत मंजूर कर लिया। अब इसकी अंतिम मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
- कर्नाटक स्टेट माइनॉरिटी कमिशन ने सात सदस्यों की एक कमेटी गठित की थी। इसके प्रमुख हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एचएन नागमोहन दास थे। उन्होंने 2 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और कहा था कि लिंगायतों को कर्नाटक में अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा दिया जाना चाहिए। लिंगायत कर्नाटक में सवर्ण समुदाय है।
कर्नाटक में लिंगायत समाज को अगड़ी जातियों में गिना जाता है। कर्नाटक में करीब 18 प्रतिशत लिंगायत समुदाय के लोग हैं।
- 12वीं सदी में समाज सुधारक बासवन्ना ने हिंदुओं में जाति व्यवस्था में दमन के खिलाफ आंदोलन छेड़ा।
- बासवन्ना ने वेदों को खारिज कर दिया साथ ही मूर्ति पूजा की भी मुखालफत शुरू कर दी।
- आम मान्यता यह है कि वीरशैव और लिंगायत एक ही हैं। वहीं लिंगायतों का तर्क है कि वीरशैव लोगों का असतित्व बासवन्ना के उदय से पहले था और वीरशैव भगवान शिव की पूजा करते हैं।
- लिंगायत समुदाय के लोगों का कहना है कि वे शिव की पूजा नहीं करते बल्कि अपने शरीर पर इष्टलिंग धारण करते हैं। यह एक गेंदनुमा आकृति होती है, जिसे वे धागे से अपने शरीर से बांधते हैं।
- लिंगायत इष्टलिंग को आंतरिक चेतना का प्रतीक मानते हैं।
- लिंगायत के बाद कर्नाटक दूसरा बड़ा जातीय समूह है वोक्कालिगा।
- वोक्कालिगा दक्षिणी कर्नाटक का सबसे बड़ा समुदाय है और इनकी पहचान बड़े जमींदारों के तौर पर है। क्षेत्रीय पार्टी जनता दल सेक्युलर पर इनकी पकड़ मजबूत है।
- पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा वोक्कालिगा समुदाय से ही ताल्लुक रखते हैं।
- तीसरा जातीय समुदाय है कुरुबा। कर्नाटक में स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इन्हें चरवाहा माना जाता है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इसी समुदाय से हैं।
- अहिन्दा अ-अल्पसंख्यक, ह-हिन्दुलिगा, दा यानी दलित, इन तीनों वर्गों का समर्थन ही पहले मायने रखता था।
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