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आम बजट 2018-19 के अनुसार, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण के समय इसकी घोषणा की। इस योजना का नाम "किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाअभियान (कुसुम)" होगा। इसके तहत 2022 तक देश में तीन करोड़ पंपों को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा।
आम बजट 2018-19 के अनुसार, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण के समय इसकी घोषणा की। इस योजना का नाम "किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाअभियान (कुसुम)" होगा। इसके तहत 2022 तक देश में तीन करोड़ पंपों को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाया जाएगा।
- आपको बता दें कि इस योजना का पूरा नाम "किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाअभियान (कुसुम)" है।
- 2022 तक देश में तीन करोड़ पंपों को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने का लक्ष्य रखा गया है।
- कुसुम योजना पर कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें केंद्र सरकार 48 हजार करोड़ रुपये योगदान करेगी, जबकि इतनी ही राशि राज्य सरकारें देंगी। किसानों को कुल लागत का सिर्फ 10 फीसद ही उठाना होगा, जबकि लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का इंतजाम बैंक लोन से किया जाएगा।
- इसे आगामी वित्त वर्ष से ही लागू किया जाएगा।
- कुसुम योजना के अगले चरण में सरकार किसानों को उनके खेतों के ऊपर या खेतों की मेड़ों पर सोलर पैनल लगा कर सौर ऊर्जा बनाने की छूट देगी।
- http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=70513
- http://www.livemint.com/Politics/bdOxcYthCywettQDNnBA3K/Govts-solar-pump-scheme-to-cost-Rs14-trillion-says-Raj-Ku.html
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