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योगी आदित्यनाथ सरकार की नवगठित उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर पूर्व एमएलसी कानपुर के तनवीर हैदर उस्मानी के नाम की संस्तुति पर राज्यपाल राम नाईक ने अपनी मुहर लगा दी है।
उत्तर प्रदेश मे सर्वप्रथम एक सदस्यीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना 1 जुलाई, 1969 को की गयी थी। बाद में 26 जून, 1974 में स्व० श्री नसरूल्लाह बेग, सेवानिवृत्त, मुख्य न्यायधीश, मा० उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में उ० प्र० अल्प संख्यक आयोग का गठन किया गया।
योगी आदित्यनाथ सरकार की नवगठित उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर पूर्व एमएलसी कानपुर के तनवीर हैदर उस्मानी के नाम की संस्तुति पर राज्यपाल राम नाईक ने अपनी मुहर लगा दी है।
- भाजपा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के तीन बार अध्यक्ष रह चुके कानपुर निवासी तनवीर हैदर उस्मानी मौजूदा समय में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कार्य परिषद के सदस्य हैं।
- तनवीर हैदर उस्मानी के साथ ही उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में आठ सदस्यों को भी नामित किया गया है। इनमें सिख, ईसाई व जैन सभी को प्रतिनिधित्व दिया गया है। सदस्य पद के लिए मेरठ के सुरेश जैन ऋतुराज, मुजफ्फरनगर के सुखदर्शन बेदी, बदायूं के मनोज कुमार मसीह, लखनऊ के कुंवर सैयद इकबाल हैदर, गाजियाबाद के कुंवर अफजाल चौधरी, फतेहपुर के मोहम्मद असलम तथा कानपुर की सोफिया अहमद व लखनऊ की रूमाना सिद्दीकी उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य होंगे।
उत्तर प्रदेश मे सर्वप्रथम एक सदस्यीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना 1 जुलाई, 1969 को की गयी थी। बाद में 26 जून, 1974 में स्व० श्री नसरूल्लाह बेग, सेवानिवृत्त, मुख्य न्यायधीश, मा० उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में उ० प्र० अल्प संख्यक आयोग का गठन किया गया।
- उ० प्र० अल्पसंख्यक आयोग, उ० प्र० को वर्ष 1994 में संवैधानिक स्तर प्रदान किया गया।
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