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हज यात्रा 2018 में सरकारी सब्सिडी समाप्त करने के बाद केंद्र सरकार ने भारतीय हज यात्रियों के हवाई किराये में कमी की है।
हज यात्रा 2018 में सरकारी सब्सिडी समाप्त करने के बाद केंद्र सरकार ने भारतीय हज यात्रियों के हवाई किराये में कमी की है।
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘हज 2018 जहां एक तरफ बिना सरकारी सब्सिडी के होगा, वहीं बहुत समय बाद हज यात्रा के लिये हवाई किराया सबसे सस्ता होगा।’’
- भारत के 21 एयरपोर्ट से जाने वाले एयर इंडिया, सउदी एयरलाइंस और फ्लाइनास से उड़ान भरने वालों को ही मिलेगी।
- एयरइंडिया के लिये चेन्नई, गोवा, नागुपर, श्रीनगर, कोलकाता, मुम्बई को केंद्र बनाया गया है जबकि सऊदी एयरलाइन्स के लिये अहमदाबाद, बेंगलूर, कोच्चि, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर तथा फ्लाइनास के लिये औरंगाबाद, भोपाल, मेंगलूर, गया, गुवाहाटी, रांची को केंद्र बनाया गया है।
- सरकार ने 2012 में आए सुप्रम कोर्ट के आदेश को लागू करते हुए जनवरी में हज सब्सिडी को खत्म करने का फैसला लिया था।
- मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिसंबर 2013 में संप्रग सरकार द्वारा हज 2014 के लिये घोषित मुम्बई से हज यात्रा का हवाई किराया 98,750 रूपया था जो अब घट कर 57,857 रूपया हो गया है। श्रीनगर से किराया 2013-14 में 1,98,350 रूपये था जो अब घटाकर 1,01,400 रूपये हो गया है। अहमदाबाद का किराया 98,750 रूपये से घटकर 2018 में 65,015 रूपये कर दिया गया है जबकि औरंगाबाद का किराया 2013-14 में 1,18,450 रूपये से घटाकर 84,946 रूपये कर दिया गया है।
- वर्ष 1932 में ब्रिटिश सरकार The Port Haj Committees Act लेकर आई थी। इस Act के तहत एक हज कमेटी बनाई गई। इसके बाद आज़ाद भारत में 1959 में कानून पास करके हज कमेटी का गठन किया गया था। हालांकि सब्सिडी 1954 से ही मिलनी शुरू हो गई थी।
- 8 मई 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस रंजना देसाई ने हज सब्सिडी पर भारत सरकार को एक आदेश में कहा गया था कि सरकार अगले 10 वर्षों में यानी वर्ष 2022 तक हज की सब्सिडी को खत्म करे और इससे बचने वाले पैसे को अल्पसंख्यकों के कल्याण और सामाजिक विकास के लिए खर्च किया जाए।
- वर्ष 2012 के फैसले का संज्ञान लेते हुए 31 जनवरी, 2017 को केंद्र सरकार ने हज नीति की समीक्षा करने के लिए एक समिति बनाई थी। इस समिति का अध्यक्ष, रिटायर्ड IAS अफसर अफज़ल अमानुल्ला को बनाया गया था।
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