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राष्ट्रीय युवा दिवस (National Youth Day) - 12 जनवरी, 2018

Dear Readers,
किसी शायर ने कहा है-  "युवाओं के कंधों पर युग की कहानी चलती है। इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर ये जवानी चलती है।"
“काम, काम, काम – बस यही आपके जीवन का उद्देश्य होना चाहिये।”– स्वामी विवेकानंद
युगपुरुष, वेदांत दर्शन के पुरोधा, मातृभूमि के उपासक, विरले कर्मयोगी, दरिद्रनारायण मानव सेवक, तूफानी हिन्दू साधु, करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत व प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद की जयन्ती अर्थात 12 जनवरी को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

  1. राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने के लिये वर्ष 1984 में भारतीय सरकार द्वारा इसे पहली बार घोषित किया गया था। तब से (1985), पूरे देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में इसे मनाने की शुरुआत हुई।
  2. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पूरे देश के विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के जीवन, विचारों और दर्शन के बारे में जानने हेतु प्रोत्साहित किया जा सके तथा उन्हें विद्यार्थियों के जीवन में लागू किया जा सके।
  3. संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्णयानुसार, सन् 1985 ई. को अन्तरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था।
युवा दिवस की थीम.....     
  1. 2011 की थीम थी “सबसे पहले भारत।”     
  2. 2012 की थीम थी “विविधता में एकता का जश्न।”     
  3. 2013 की थीम थी “युवा शक्ति की जागरुकता।”     
  4. 2014 की थीम थी “ड्रग्स मुक्त संसार के लिये युवा।”     
  5. 2015 की थीम थी “यंगमंच और स्वच्छ, हरे और प्रगतिशील भारत के लिये युवा।”  
  6. 2016 की थीम थी “विकास, कौशल और सद्भाव के लिए भारतीय युवा।” 
  7. 2017 की थीम थी "यूथ ऑफ़ डिजिटल इंडिया।" 
  8. 2018 की थीम हैं "संकल्प से सिद्धि।"
स्वामी विवेकानंद द्वारा कहे गये कथन निम्न प्रकार हैं :- 
  1. “धन पाने के लिये कड़ा संघर्ष करों पर उससे लगाव मत करो।”– स्वामी विवेकानंद     
  2. “जो गरीबों में, कमजोरों में और बिमारियों में शिव को देखता हैं, वो सच में शिव की पूजा करता हैं।”– स्वामी विवेकानंद     
  3. “प्रत्येक आत्मा संभावित परमात्मा है।”– स्वामी विवेकानंद     
  4. “काम, काम, काम – बस यही आपके जीवन का उद्देश्य होना चाहिये।”– स्वामी विवेकानंद     
  5. “मृत्यु तो निश्चित हैं, एक अच्छे काम के लिये मरना सबसे बेहतर हैं।”– स्वामी विवेकानंद 
  6. “उठो, जागों और जब तक मत रुकों तब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हों।”– स्वामी विवेकानंद  
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