मकर संक्रांति (Makar Sankranti) 2018 : आफताब यानि भगवान भास्कर का पर्व

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हिंदू धर्मं में माघ महीना पवित्र माना जाता है। माघ का महीना हिंदू कैलेंडर के हिसाब से 11वां चंद्रमास और दसवां सौरमास है। अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक़, देखें तो इस बार 2 जनवरी से 31 जनवरी तक कि अवधि माघ महीना की है।

  1. मकर संक्रांति सूर्योपासना का ऐसा ऋतु पर्व है, जो हमारे लौकिक जीवन को देव जीवन की ओर मोड़ता है। गौरतलब है कि एकमात्र सूर्य ही ऐसे प्रत्यक्ष देवता हैं, जो सतत क्रियाशील रहकर हम धरतीवासियों का भरण-पोषण करते हैं।
  2. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य, शनि की राशि मकर में प्रवेश करके 2 माह तक शनि की राशि मकर व कुंभ में रहते हैं। इसी दिन से धनुमास व दक्षिणायन समाप्त होकर उत्तरायण शुरू होता है। 
  3. शास्त्रों में दक्षिणायण को नकारात्मक यानि देवरात्रि व उत्तरायण को सकारात्मक यानिदेव दिवस मानते हैं।
  4. मकर संक्रांति से संबंधित उत्सव विभिन्न नामों से उत्तर भारतीय हिंदुओं और सिखों द्वारा लोहड़ी, मध्य भारत में सुकरत, असम हिंदू द्वारा माघ बीहु और तमिल हिंदुओं द्वारा पोंगल के नाम से जाना जाता है।
  5. अल्लामा इकबाल ने 'आफताब (सूर्य)' की स्तुति के रूप में गायत्री मंत्र का बड़ा सुंदर अनुवाद उर्दू में किया है।
  6. 14 जनवरी, 1921 को उत्तरायणी के दिन कुमाऊंवासियों ने क्रूर गोरखा शासन और अंग्रेजी राज की दमनकारी कुली बेगार प्रथा के काले कानून के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजाकर हमेशा के लिए दासत्व से मुक्ति पाई थी।
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