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क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा उत्कृष्ट निर्यात नियंत्रण व्यवस्था देखने वाली संस्था वासेनार अरेंजमेंट (Wassenaar Arrangement) ने 7 दिसंबर, 2017 को भारत को सदस्य के रूप में शामिल करने का फैसला किया।
पारंपरिक हथियारों और संवेदनशील दोहरे उपयोग के सामान और प्रौद्योगिकियों के लिए निर्यात नियंत्रणों पर पहली वैश्विक बहुपक्षीय व्यवस्था वासेनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) है, जिसे 12 जुलाई, 1996 को नीदरलैंड के वासीनर में स्थापित किया गया था, जो हेग के पास है।
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क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा उत्कृष्ट निर्यात नियंत्रण व्यवस्था देखने वाली संस्था वासेनार अरेंजमेंट (Wassenaar Arrangement) ने 7 दिसंबर, 2017 को भारत को सदस्य के रूप में शामिल करने का फैसला किया।
- भारत, वासेनार अरेंजमेंट का 42वां सदस्य बनने से अप्रसार क्षेत्र में देश का कद बढ़ने के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
- साथ ही, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के शामिल किए जाने का दावा भी मजबूत होगा।
- भारत को वासेनर में सदस्यता देने का निर्णय वियना में समूह की दो दिवसीय पूर्ण बैठक में लिया गया था।
- गैर-प्रसार संधि (एनपीटी) के लिए हस्ताक्षरकर्ता न होने के बावजूद निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत का प्रवेश गैर-प्रसार के क्षेत्र में अपनी पहचान बढ़ाएगा।
- हालांकि चीन इस संस्था का सदस्य नहीं है, फिर भी उसने पूरी कोशिश की जिससे भारत को ये सदस्यता न मिल सके।
- भारत पिछले साल मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजिम (MTCR) के समूह वाले देश में शामिल हुआ था।
- वासेनर से पहले भारत MTCR और द ऑस्ट्रेलिया ग्रुप में शामिल हो चुका है।
पारंपरिक हथियारों और संवेदनशील दोहरे उपयोग के सामान और प्रौद्योगिकियों के लिए निर्यात नियंत्रणों पर पहली वैश्विक बहुपक्षीय व्यवस्था वासेनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) है, जिसे 12 जुलाई, 1996 को नीदरलैंड के वासीनर में स्थापित किया गया था, जो हेग के पास है।
- वासेनार अरेंजमेंट (डब्ल्यूए) के 33 सह-संस्थापक देश हैं तथा सितंबर 1996 में इसका परिचालन शुरू हुआ।
- वासेनार अरेंजमेंट का सचिवालय विएना, ऑस्ट्रिया में स्थित है।
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