Dear Aspirants,
भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणव कुमार मुखर्जी का जन्म 11 दिसम्बर, 1935 पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में किरनाहर शहर के निकट स्थित मिराती गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में 'कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी मुखर्जी' के घर हुआ था। उनके पिता 1920 से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय होने के साथ पश्चिम बंगाल विधान परिषद में 1952 से 64 तक सदस्य और वीरभूम (पश्चिम बंगाल) जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके थे। उनके पिता एक सम्मानित स्वतन्त्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन की खिलाफत के परिणामस्वरूप 10 वर्षो से अधिक जेल की सजा भी काटी थी।
Feedback & Suggestions
स्रोत: www.ibnlive.com |
- प्रणब मुखर्जी ने कई कितावें भी लिखी हैं जिनके प्रमुख हैं मिडटर्म पोल, बियोंड सरवाइवल, ऑफ द ट्रैक- सागा ऑफ स्ट्रगल एंड सैक्रिफाइस, इमर्जिंग डाइमेंशन्स ऑफ इंडियन इकोनॉमी, तथा चैलेंज बिफोर द नेशन।
- प्रणव दा का विवाह 22 वर्ष की आयु में 13 जुलाई 1957 को शुभ्रा मुखर्जी के साथ हुआ था।
- शुभ्रा मुखर्जी का जन्म बांग्लादेश में हुआ था। वह 10 साल की उम्र में कोलकाता में आकर 1957 में प्रणब से शादी कर चुकी थी।
- 18 अगस्त 2015 को हृदय की विफलता की 74 वर्ष की आयु में शुभ्रा का निधन हो गया।
- बेटे अभिजीत मुखर्जी, पश्चिम बंगाल के जंगीपुर से कांग्रेस के एक सांसद हैं।
- बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी एक कथक नर्तक और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता हैं।
- प्रणव मुखर्जी ने सूरी (वीरभूम) के सूरी विद्यासागर कॉलेज में शिक्षा पाई, जो उस समय कलकत्ता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था।
- कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर के साथ साथ कानून की डिग्री हासिल की है। वे एक वकील और कॉलेज प्राध्यापक भी रह चुके हैं। उन्हें मानद डी.लिट उपाधि भी प्राप्त है।
- प्रणव मुखर्जी ने पहले एक कॉलेज प्राध्यापक के रूप में और बाद में एक पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। वे बाँग्ला प्रकाशन संस्थान ''देशेर डाक (मातृभूमि की पुकार)'' में भी काम कर चुके हैं।
- प्रणव मुखर्जी बंगीय साहित्य परिषद के ट्रस्टी एवं अखिल भारत बंग साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष भी रहे।
- साल 1969 में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में (उच्च सदन) से शुरू हुआ था। वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर से चुने गये।
- प्रणव दा 1973 में औद्योगिक विकास विभाग के केंद्रीय उप मन्त्री के रूप में मन्त्रिमण्डल में शामिल हुए। और सन् 1984 में भारत के वित्त मंत्री बने।
- वित्त मंत्री के रूप में प्रणव के कार्यकाल के दौरान डॉ॰ मनमोहन सिंह भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे।
- प्रणव दा ने राजनीतिक दल राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का गठन किया, लेकिन सन 1989 में राजीव गान्धी के साथ समझौता होने के बाद उन्होंने अपने दल का कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया।
- प्रणव मुखर्जी ने 1995 से 1996 तक पहली बार विदेश मन्त्री के रूप में कार्य किया। 1997 में उन्हें उत्कृष्ट सांसद चुना गया।
- सन 1985 के बाद से वह कांग्रेस की पश्चिम बंगाल राज्य इकाई के भी अध्यक्ष हैं।
- सन 2004 में, जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार बनी, तो कांग्रेस के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह सिर्फ एक राज्यसभा सांसद थे। इसलिए जंगीपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले प्रणव मुखर्जी को लोकसभा में सदन का नेता बनाया गया।
- प्रणव दा कांग्रेस संसदीय दल और कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रह चुके हैं, जिसमें देश के सभी कांग्रेस सांसद और विधायक शामिल होते हैं।
- केंद्रीय औद्योगिक विकास मंत्री (1973-1974)
- केंद्रीय परिवहन एवं परिवहन मंत्री (1974)
- वित्त राज्य मंत्री (1974-1975)
- केंद्रीय मंत्री महोदय और बैंकिंग (1975-1977)
- कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष (1978-79)
- अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के कोषाध्यक्ष (1978-79)
- राज्य सभा के सदन के नेता (1980-85)
- केंद्रीय वाणिज्य और इस्पात मंत्री और खान (1980-1982)
- केंद्रीय वित्त मंत्री (1982-1984)
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के गवर्नर्स के बोर्ड (1982-1985)
- विश्व बैंक के गवर्नर्स बोर्ड (1982-1985)
- एशियन डेवलपमेंट बैंक के गवर्नर्स बोर्ड (1982-1984)
- अफ्रीकी विकास बैंक के गवर्नर्स बोर्ड (1982-1985)
- केंद्रीय वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री (1984)
- योजना आयोग के उपाध्यक्ष (1991-1996)
- केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री (1993-1995)
- केंद्रीय विदेश मंत्री (1995-1996)
- लोक सभा के सदन के नेता (2004-2012)
- केन्द्रीय रक्षा मंत्री (2004-2006)
- केंद्रीय विदेश मंत्री (2006-2009)
- केंद्रीय वित्त मंत्री (2009-2012)
- भारत के राष्ट्रपति (25 जुलाई 2012 - 25 जुलाई 2017)
- संविधान का 72वाँ अनुच्छेद राष्ट्रपति को न्यायिक शक्तियाँ देता है कि वह दंड का उन्मूलन, क्षमा, आहरण, परिहरण, परिवर्तन कर सकता है।
पुरस्कार, उपलब्धियाँ और किताबें...
- न्यूयॉर्क से प्रकाशित पत्रिका 'यूरोमनी' के एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 1984 में दुनिया के पाँच सर्वोत्तम वित्त मन्त्रियों में से एक प्रणव मुखर्जी भी थे।
- 1997 में प्रणव दा को सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड मिला।
- सन् 2008 के दौरान सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'पद्म विभूषण' से नवाजा गया।
- Bangladesh Liberation War Honour, the second highest award of Bangladesh (5 March 2013; Bangladesh)
- Grand Cross of the National Order of the Ivory Coast (June 2016; Ivory Coast)
- प्रणब मुखर्जी ने किताब ''The Turbulent Years: 1980 - 1996" लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब 'The Coalition Years : 1996-2012' लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब "Thoughts and Reflections" लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब ''The Dramatic Decade: The Indira Gandhi Years'' लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब "Selected Speeches - Pranab Mukherjee" लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब ''Saga of Struggle and Sacrifice'' लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब ''Challenges before the Nation'' लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब "A Centenary History of the Indian National Congress (Volume-V): 1964-1984'' लिखा है।
- प्रणब मुखर्जी ने किताब "Congress and the Making of the Indian Nation" लिखा है।
0 Comments