उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh) : योगी सरकार (Yogi Government) ने पेश किया 11,388 करोड़ का अनुपूरक बजट

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उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज यानि 18 दिसंबर, 2017 को योगी सरकार ने राज्य विधानसभा में लगभग 11,388 करोड़ रुपये की अनुपूरक अनुदान मांगे पेश किया। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने सदन में अनुपूरक अनुदान मांगों का विवरण पेश किया। इसके जरिये राज्य सरकार ने अब उन योजनाओं को रफ्तार देने का प्रयास किया है, जो पिछले बजट में किसानों की कर्जमाफी के दबाव में सुस्त पड़ गई थीं।

आइए जानते है किसके हिस्‍से कितना धन आया-  
  1. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विद्युत वितरण कार्यों हेतु 580 करोड़
  2. गन्ना भुगतान के लिए 200 करोड़  
  3. राष्ट्रीय औद्योगिक मिशन योजना हेतु 10 करोड़
  4. कैलाश मानसरोवर भवन के लिए करीब 11 करोड़
  5. बनारस में विश्वनाथ मंदिर मार्गों के निर्माण के लिए 40 करोड़ 
  6. चित्रकूट में रामघाट समेत पर्यटन स्थलों के लिए 12 करोड़
  7. सौर ऊर्जा के लिए- 100 करोड़ रुपये
  8. बुनकरों को बिजली में छूट देने के लिए 150 करोड़ रुपये
  9. प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 1125 करोड़ 
  10. अल्पसंख्यकों के लिए 84 करोड़  
  11. स्वच्छ भारत मिशन में 522 करोड़ 
  12. अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्‍थान को 1.3 करोड़
  13. स्कूली बच्चों को मुफ्त स्वेटर देने के लिए 390 करोड़ रुपये   
  14. राजकीय मेडिकल कॉलेज के लिए विभिन्न मदों में 425 करोड़
  15. प्राथमिक शिक्षा विभाग में बुनियादी ढांचों को मजबूत करने के लिए 415.84 करोड़ 
  16. नागरिक उड्डयन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं हेतु 200 करोड़  
  17. ईवीएम तथा वीवी पैट की मरम्मत आदि के लिए 10 करोड़  
  18. प्रदेश के अधीनस्‍थ न्यायालयों में सीसीटीवी कैमरों एवं सुरक्षा उपकरणों हेतु 25 करोड़  
  19. दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास योजना के लिए 1000 करोड़  
  20. शौचालयों के लिए 1700 करोड़ रुपये   
  21. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए दो अलग-अलग मदों में 2.3 करोड़ व 150 करोड़ का अनुदान  
  22. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की स्‍थापना एवं संचालन के लिए 11.3 करोड़  
  23. आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के लिए वाहन 4.29 करोड़ रुपये
  24. स्पेशल टास्क फोर्स के लिए 24 नई कारों और 100 दोपहिया वाहनों की खरीद के लिए 3. 52 करोड़ रुपये 
  25. मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना को 7.5 करोड़
प्रश्न:- अनुपूरक या अतिरिक्त अनुदान किसे कहते हैं? 
उत्तर:- संसद द्वारा प्राधिकृत राशियों से अधिक राशि उसकी मंजूरी के बिना खर्च नहीं की जा सकती। यदि किसी विशिष्ट सेवा के लिए मंजूर की गई राशि उस वर्ष के प्रयोजनों के लिए अपर्याप्त पाई जाए अथवा किसी नई सेवा पर जिसकी कि उस वर्ष के बजट में परिकल्पना न की गई हो, उसके लिए अनुपूरक  या अतिरिक्त बजट की आवश्यकता पड़ती है।
प्रश्न:- अनुपूरक तथा अतिरिक्त अनुदान की मांगों में क्या अंतर होता है?
उत्तर:-वित्तीय वर्ष बीतने के पहले यदि बजट की अपर्याप्तता दिखाते हुए अतिरिक्त खर्च की मांग संसद में पेश की जाती है तो यह अनुपूरक अनुदान की मांग कहलाती हैं। इसके विपरीत यदि उस वित्तीय वर्ष के बीतने के बाद अतिरिक्त खर्च सामने आता है तो उसके लिए अतिरिक्त अनुदान मांगा जाता है। इस प्रकार अनुपूरक अनुदानों की मांगें वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व सदन में पेश की जाती हैं, जबकि अतिरिक्त अनुदानों की मांगें वास्तव में राशियां खर्च चुकने के बाद और उस वित्तीय वर्ष के बीत जाने के बाद पेश की जाती हैं, जिससे वे संबंधित हों।

स्रोत: https://www.prabhatkhabar.com

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