Dear Aspirants,
पर्यावरण के प्रति संवेदना और सतर्कता को सरकारी दफ्तरों से लेकर जन-जन तक पहुंचाने वाले नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार 19 दिसंबर, 2017 को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए। 20 दिसंबर 2012 को यह कार्यभार संभाला था।
पर्यावरण के प्रति संवेदना और सतर्कता को सरकारी दफ्तरों से लेकर जन-जन तक पहुंचाने वाले नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार 19 दिसंबर, 2017 को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए। 20 दिसंबर 2012 को यह कार्यभार संभाला था।
- पर्यावरण संरक्षण के लिए जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने कई ऐसे कड़े फैसले लिए जिससे वह पर्यावरण प्रेमियों के चहेते बन गए। स्वतंत्र कुमार की सबसे बड़ी उपलब्धि ये ही है कि 20 दिसंबर 2012 को उनके पद संभालने से पहले एनजीटी को शायद ही कोई गंभीरता से लेता हो लेकिन आज जब वह रिटायर हो रहे हैं तब एनजीटी का नाम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों के लिए खौफ का पर्याय बन चुका है।
- स्वतंत्र कुमार ने 12 जुलाई, 1971 को दिल्ली बार कौंसिल के साथ एक वकील के रूप में नामांकन किया।
- स्वतंत्र कुमार ने अपने कॅरियर की शुरूआत दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के तौर पर की थी। इसके बाद वह 10 नवंबर, 1994 में दिल्ली हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश बने, जहां से 30 नवंबर, 1994 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के बाद बांबे हाईकोर्ट (31 मार्च, 2007) में मुख्य न्यायाधीश बने।
- तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल की न्यायमूर्ति के रूप में कुमार की नियुक्ति दिसंबर 2009 में कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा घोषित की गई थी। 20 दिसंबर, 2012 को उन्हें राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था और 19 दिसंबर, 2017 को सेवानिवृत्त हुए।
- राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल का गठन राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत 18 अक्टूबर, 2010 को हुआ था। जस्टिस लोकेश्वर सिंह पंटा इसके पहले अध्यक्ष थे।
0 Comments