Dear Aspirants,
पहले मतदाता के रजिस्ट्रीकरण के लिए आयु 21 वर्ष थी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 को संशोधित करने वाले 1989 के अधिनियम 21 के साथ 61वें संशोधन अधिनियम, 1988 के द्वारा मतदाता के पंजीकरण की न्यूनतम आयु को 18 वर्ष कर दिया गया है।
61वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1988 को लोकसभा में 13 दिसंबर, 1988 को पेश किया गया था। इसे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री बी शंकरानंद ने पेश किया था।
जम्मू और कश्मीर, नगालैंड, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा की विधानमंडलों ने इस बिधेयक की पुष्टि नहीं की।
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- 20 दिसंबर, 1988 को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा ने 'संविधान (61वां संशोधन) अधिनियम' पास किया था, जिसमें मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 करने का प्रावधान था।
- संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन करके किया गया था, जो कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनावों से संबंधित है।
- गौरतलब है कि तत्कालीन राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन के हस्ताक्षर के बाद यह अधिनियम 28 मार्च, 1989 को कानून बन गया था।
- आदर्श आचार संहिता 1991 में लागू हुई थी।
61वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1988 को लोकसभा में 13 दिसंबर, 1988 को पेश किया गया था। इसे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री बी शंकरानंद ने पेश किया था।
- अनुच्छेद 326 में यह प्रावधान है कि प्रत्येक राज्य में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव वयस्क मत के आधार पर होंगे, अर्थात् एक व्यक्ति 21 वर्ष से कम उम्र के नहीं होना चाहिए।
- वर्तमान दिन के युवा राजनीतिक रूप से जागरूक हैं इसलिए, मतदान वर्ष की आयु 21 साल से 18 साल करने का प्रस्ताव है।
- 14 और 15 दिसंबर 1988 को लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा हुई थी। राज्य सभा ने 16, 19 और 20 दिसंबर 1988 को विधेयक पर बहस की और लोक सभा द्वारा किए गए संशोधन को अपनाने के बाद 20 दिसंबर 1988 को इसे पारित किया।
- राज्यों द्वारा अनुसमर्थन के बाद बिल ने तत्कालीन राष्ट्रपति रामास्वामी वेंकटरामन से 28 मार्च 1988 को सहमति दी थी।
- अनुच्छेद 368 के प्रावधानों के अनुसार पारित किया गया था, और कहा गया है कि राज्य विधानमंडलों के आधे से अधिक की पुष्टि की गई थी।
जम्मू और कश्मीर, नगालैंड, पंजाब, तमिलनाडु, त्रिपुरा की विधानमंडलों ने इस बिधेयक की पुष्टि नहीं की।
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