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प्रवीण तोगड़िया (Pravin Togadia) बनें विश्व हिंदू परिषद (Vishva Hindu Parishad) के कार्यकारी अध्यक्ष

Dear Readers,
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल जस्टिस कोगजे को प्रवीण तोगड़िया से हार का सामना करना पड़ा है। मजबूरी में संघ को विहिप के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष पद पर पुरानी जोड़ी को ही बनाए रखना पड़ा है।

  • ओडिशा के भुवनेश्वर में विश्व हिंदू परिषद की तीन दिवसीय केंद्रीय प्रन्यासी मंडल एवं प्रबंध समिति अधिवेशन की बैठक में प्रवीण तोगड़िया को पदमुक्त करने की कवायद की गई थी। 
  • सूत्रों के मुताबिक एक नाम हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल जस्टिस वी. एस. कोगजे और दूसरा नाम जगन्नाथ शाही का लिया गया।
  • संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार, संघ की तरह विश्व हिंदू परिषद में भी हर तीन साल बाद अध्यक्ष पद का चुनाव होता है।
  • 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान विश्व हिंदू परिसद, बजरंग दल, और स्वयंसेवक संघ ने मिलकर बीजेपी के लिए माहौल बनाया था।
  • प्रवीण तोगड़िया ने अपनी किताब "सैफरान रिफ्लेक्शन : फेसेज ऐंड मास्क" में बीजेपी और पीएम मोदी पर सवाल उठाए थे। तोगड़िया ने पीएम मोदी पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए लिखा कि राम मंदिर, धारा 370, कॉमन सिविल कोड, बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजना, गोवंश हत्या बंदी, विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं को फिर से बसाने के मुद्दों पर बीजेपी ने धोखा दिया है।
  • 1983 में सिर्फ 22 साल की उम्र में विश्व हिंदू परिषद से जुड़े तोगड़िया पेशे से डॉक्टर हैं। 
  • राम मंदिर निमार्ण आंदोलन की शुरुआत में सबसे बड़े नेताओं के नाम में प्रवीण तोगड़िया नाम शुमार था।
  • राम मंदिर आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका देखते हुए पहले तो उन्हें विश्व हिंदू परिषद का महासचिव और फिर 2011 में अशोक सिंहल की जगह पर उन्हें विश्व हिंदू परिषद का अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
  • तीन साल के लिए वीएचपी के अध्यक्ष राघव रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया बना दिया गया।
विश्व हिंदू परिषद के बारें में....
विश्व हिंदू परिषद एक हिंदू संगठन है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक अनुषांगिक शाखा है। विहिप का चिन्ह बरगद का पेड़ है और इसका नारा, "धर्मो रक्षति रक्षित:"।
  • विश्व हिंदू परिषद की स्थापना 29 अगस्त, 1964 में हुई। इसके संस्थापकों में स्वामी चिन्मयानंद, एसएस आप्टे, सतगुरु जगजीत सिंह, केशवराम काशीराम शास्त्री, मास्टर तारा हिंद थे। 
  • 21 मई 1964 को मुंबई के संदीपनी साधनाशाला में पहली बार सम्मेलन हुआ। सम्मेलन आरएसएस सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर ने बुलाई थी।

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