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बर्थडे स्पेशल : 'ट्रेजडी किंग' दिलीप कुमार उर्फ़ युसूफ खान की कहानी (Dilip Kumar AKA Yusuf Khan)

Dear Aspirants,
अभिनय सम्राट दिलीप कुमार
अभिनेता दिलीप कुमार के जन्म का नाम यूसुफ़ ख़ान हैं। उनका जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनके पिता मुंबई आ बसे थे, जहाँ उन्होने हिन्दी फ़िल्मों में काम करना शुरू किया। उन्होने अपना नाम बदल कर 'दिलीप कुमार' कर दिया ताकि उन्हे हिन्दी फ़िल्मो में ज्यादा पहचान और सफलता मिले।

  • दिलीप कुमार का जन्म लाला गुलाम सरवार और आयशा बेगम के घर हुआ था, जो फलों के व्यापारी थे। पेशावर में उनके पिता के बाग थे। दिलीप कुमार 12 भाई- बहन थे।
  • त्रासद या दु:खद भूमिकाओं के लिए मशहूर होने के कारण उन्हे 'ट्रेजिडी किंग' भी कहा जाता था।
  • दिलीप कुमार ने अभिनेत्री सायरा बानो से 11 अक्टूबर, 1966 में विवाह किया। विवाह के समय दिलीप कुमार 44 वर्ष और सायरा बानो की 22 वर्ष की थीं। 
  • दिलीप कुमार ने इस बात का खुलासा अपनी आत्मकथा 'द सबस्टांस एंड द शैडो' में किया था। बुक में दिलीप कुमार ने कहा है, "सच्चाई यह है कि 1972 में सायरा पहली बार प्रेग्नेंट हुईं। 8 महीने की प्रेग्नेंसी में सायरा को ब्लड प्रेशर की शिकायत हुई। इस दौरान पूरी तरह से डेव्लप हो चुके भ्रूण को बचाने के लिए सर्जरी करना संभव नहीं था। आखिरकार दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई।"
  • आपको बता दें कि 1980 में दिलीप कुमार ने आसमा रहमान नाम की महिला से दूसरी शादी की थी। इस शादी से दिलीप और सायरा के रिश्ते में दूरियां आ गई थी। हालांकि 1982 में दिलीप ने आसमा को तलाक दे दिया।
  • दिलीप कुमार को भारतीय फ़िल्मों में यादगार अभिनय करने के लिए फ़िल्मों का सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार के अलावा पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'निशान-ए-इम्तियाज़' से से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा वहवर्ष 2000 से वे राज्य सभा के सदस्य है।
  • 1980 में उन्हें सम्मानित करने के लिए मुंबई का शेरिफ घोषित किया गया। 
  • 1991 में भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण और साल 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित होने वाले दिलीप कुमार ने 1950 और 1960 के दशक में ‘आन’, ‘दाग’, ‘देवदास’, ‘मधुमति’, ‘पैगाम’, ‘मुगले आजम’, ‘राम और श्याम’ जैसी कई फिल्मों में शानदार अभिनय से लोगों के दिलों में अमिट जगह बनाई है। 
  • 1993 में दिलीप कुमार को फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • 1995 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 
  • 1998 में उन्हे पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-इम्तियाज़ भी प्रदान किया गया।
  • दिलीप कुमार की पहली फ़िल्म 'ज्वार भाटा' थी, जो 1944 में आई।
  • 1949 में बनी फ़िल्म अंदाज़ की सफलता ने उन्हे प्रसिद्धी दिलाई, इस फ़िल्म में उन्होने राज कपूर के साथ काम किया। दिदार (1951), देवदास (1955) जैसी फ़िल्मो में दुखद भूमिकाओं के मशहूर होने के कारण उन्हे ट्रेजिडी किंग कहा गया। 
  • मुगले-ए-आज़म (1960) में उन्होने मुग़ल राजकुमार जहांगीर की भूमिका निभाई। यह फ़िल्म पहले श्वेत और श्याम थी और 2004 में रंगीन बनाई गई। 
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