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Congress Foundation Day : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का आज 133वां स्थापना दिवस

Dear Aspirants,
Image Credit : Google.in 
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत की सबसे प्राचीन राजनीतिक पार्टी हैं, जो भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में अग्रणी थी। इसकी स्थापना ब्रिटिश राज में 28 दिसंबर, 1885 को हुई थी। इसके संस्थापकों में "एलन ऑक्टेवियन ह्यूम" (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादाभाई नौरोजी, फ़िरोजशाह मेहता, दीनशा एदलजी वाचा, काशीनाथा तैलंग, वी. राघवाचार्य, एन.जी. चन्द्रावरकर और एस.सुब्रमण्यम शामिल थे। इस दल की वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी है। कांग्रेस दल का युवा संगठन 'भारतीय युवा कांग्रेस' है।

इसे भी पढ़ें:
  1. List of Presidents of the Indian National Congress (From 1947 to 2017)
  2. Congress vice-president Rahul Gandhi elected unopposed as president of the Indian National Congress
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना अवकाश प्राप्त आई.सी.एस. अधिकारी स्कॉटलैंड निवासी ऐलन ओक्टोवियन ह्यूम (ए.ओ. ह्यूम) ने 'थियोसोफ़िकल सोसाइटी' के मात्र 72 राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से की थी।
  • कांग्रेस सबसे बड़ी और प्रमुख भारतीय जन संस्था मानी जाती थी, जिसका स्वतन्त्रता आन्दोलन में केन्द्रीय और निर्णायक प्रभाव था। 1916 ई. में लाला लाजपत राय ने 'यंग इण्डिया' में एक लेख में लिखा, 'कांग्रेस लॉर्ड डफ़रिन के दिमाग की उपज है।'
  • 'भारतीय राष्ट्रीय संघ' (कांग्रेस की पूर्वगामी संस्था) की स्थापना का विचार सर्वप्रथम लॉर्ड डफ़रिन के दिमाग में आया था। 
  • ए.ओ. ह्यूम के अतिरिक्त सुरेंद्रनाथ बनर्जी तथा आनंद मोहन बोस कांग्रेस के प्रमुख वास्तुविद (Architects) माने जाते हैं।
  • भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति के साथ 28 दिसम्बर, 1885 को बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में हुई थी। इसके संस्थापक महासचिव (जनरल सेक्रेटरी) ए ओ ह्यूम थे जिन्होंने कलकत्ता के बैरिस्टर व्योमेश चन्द्र बनर्जी को अध्यक्ष नियुक्त किया था।
  • 1907 में काँग्रेस में दो दल बन चुके थे- 
  1. गरम दल का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय एवं बिपिन चंद्र पाल (जिन्हें लाल-बाल-पाल भी कहा जाता है) कर रहे थे। 
  2. नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता एवं दादा भाई नौरोजी कर रहे थे। 
  • गरम दल पूर्ण स्वराज की माँग कर रहा था परन्तु नरम दल ब्रिटिश राज में स्वशासन चाहता था।
  • सन् 1916 की लखनऊ बैठक में दोनों दल फिर एक हो गये और होम रूल आंदोलन की शुरुआत हुई जिसके तहत ब्रिटिश राज में भारत के लिये अधिराजकिय पद (अर्थात डोमिनियन स्टेटस) की माँग की गयी।
  • 1919 में जालियाँवाला बाग हत्याकांड के पश्चात गान्धी काँग्रेस के महासचिव बने। उनके मार्गदर्शन में काँग्रेस कुलीन वर्गीय संस्था से बदलकर एक जनसमुदाय संस्था बन गयी।
  • तत्पश्चात् राष्ट्रीय नेताओं की एक नयी पीढ़ी आयी जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद, महादेव देसाई एवं सुभाष चंद्र बोस आदि शामिल थे।
  • वर्ष 1929 में ऐतिहासिक लाहौर सम्मेलन में जवाहर लाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज का नारा दिया।
  • कांग्रेस अध्यक्ष पद को महात्मा गांधी, मोतीलाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय, सुभाष चंद्र बोस समेत कुल 59 लोगों ने अबतक संभाला है। राहुल गांधी 60वें अध्यक्ष हैं।
  • गांधीजी ने एक करोड़ रुपये से अधिक का धन जमा किया और इसे बाल गंगाधर तिलक के स्मरणार्थ तिलक स्वराज कोष का नाम दिया।
  • 1947 आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई।
  • आजादी के बाद कांग्रेस के पहले अध्यक्ष आचार्य कृपलानी रहे। वहीं पार्टी ने जवाहरलाल नेहरू के चेहरे पर चुनाव लड़ा और पहले आम चुनावों में जबरदस्त सफलता पाई।
  • आज़ादी से लेकर 2016 तक, 16 आम चुनावों में से, कांग्रेस ने 6 में पूर्ण बहुमत जीता हैं और 4 में सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया। अत: कुल 49 वर्षों तक वह केन्द्र सरकार का हिस्सा रही।

Special Points-

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1931 में तिरंगे को अपने पहले झण्डे के रुप में मान्यता प्रदान की थी। देश आज़ाद हुआ तो तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज बन गया। इसके बाद काफी लम्बे वक्त तक 'दो बैलों की जोड़ी' कांग्रेस का चुनाव चिन्ह रहा। 
  2. साल 1969 में पार्टी विभाजन के बाद चुनाव आयोग ने इस चिन्ह को ज़ब्त कर लिया। 
  3. कामराज के नेतृत्व वाली पुरानी कांग्रेस (ओ) को "तिरंगे में चरखा" जबकि नयी कांग्रेस(आई) को "गाय और बछडे" का चुनाव चिन्ह मिला।
  4. आपातकाल खत्म होने के बाद चुनाव आयोग ने गाय-बछड़े के चिन्ह को भी जब्त कर लिया।
  5. इन्दिरा गांधी तत्कालीन शंकराचार्य स्वामी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती का आशीर्वाद लेने पहुंची। इंदिरा गांधी की बात सुनने के बाद पहले तो शंकराचार्य मौन हो गए लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपना दाहिना हाथ उठाकर आर्शीवाद दिया तथा 'हाथ का पंजा' पार्टी का चुनाव निशान बनाने को कहा।
  6. श्रीमती गांधी ने चुनाव आयोग को बताया कि अब पार्टी का चुनाव निशान पंजा होगा।
एलन ऑक्टेवियन ह्यूम के बारें में...
एलेन ओक्टेवियन ह्यूम का जन्म 1829 को इंग्लैंड में हुआ था। वो अंग्रजी शासन की सबसे प्रतिष्ठित ‘बंगाल सिविल सेवा’ में पास होकर साल 1849 में ब्रिटिश सरकार के एक अधिकारी बने।
  • 1857 की गदर के वक्त वो इटावा के कलक्टर थे। लेकिन ए ओ ह्यूम ने खुद ब्रटिश सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाई और 1882 में पद से अवकाश ले लिया और कांग्रेस यूनियन का गठन किया।
नोट-...
  1. 1838 में कलकत्ता में स्थापित लैंड होल्डर्स सोसाइटी भारत की प्रथम राजनीतिक संस्था थी। जो द्वारकानाथ टैगोर के प्रयासों से स्थापित हुई। संस्था का उद्देश्य जमींदारों के हितों की रक्षा करना था। संस्था के अन्य मुख्य नेता प्रसन्न कुमार ठाकुर, राजा राधाकान्त देव आदि थे।
  2. कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर पहला मतभेद साल 1939 में सामने आया था, जब सुभाष चंद्र बोस ने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
  3. राहुल गांधी नेहरू-गांधी परिवार की 5वीं पीढ़ी के 5वें ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं।
  4. कांग्रेस में लाल बहादुर शास्त्री और मनमोहन सिंह दो ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री तो बने लेकिन वो पार्टी के अध्यक्ष नहीं बन पाये।
  5. सोनिया गांधी ने सबसे ज्यादा 19 साल बतौर कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाला, वहीं उनकी सास इंदिरा गांधी ने अलग-अलग कार्यकाल में कुल 7 साल इस दायित्व को निभाया है।

काँग्रेस की नीतियों का विरोध...

(1)- राम मनोहर लोहिया ने नारा दिया - "काँग्रेस हटाओ, देश बचाओ।"
  • 1967 के आम चुनाव में एक बड़ा परिवर्तन हुआ। देश के 9 राज्यों - पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, केरल, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में गैर काँग्रेसी सरकारें गठित हो गयीं।
(2)- सन् 1974 में जयप्रकाश नारायण ने इन्दिरा गान्धी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये सम्पूर्ण क्रान्ति का नारा दिया। आन्दोलन को भारी जनसमर्थन मिला।
(3)- सन् 1987 में यह बात सामने आयी थी कि स्वीडन की हथियार कम्पनी बोफोर्स ने भारतीय सेना को तोपें सप्लाई करने का सौदा हथियाने के लिये 80 लाख डालर की दलाली चुकायी थी।
  • स्वीडन रेडियो ने सबसे पहले 1987 में इसका खुलासा किया। इसे ही बोफोर्स घोटाला या बोफोर्स काण्ड के नाम से जाना जाता हैं।
(4)- सोलहवीं लोकसभा के चुनावों के समय नरेन्द्र मोदी ने 'कांग्रेस मुक्त भारत' का नारा दिया जो काफी प्रभावी रहा।

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