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भारत और कजाकिस्तान की सेना ने दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में आयोजित किए गए संयुक्त सैन्य अभ्यास "प्रबल दोस्तीक" का दूसरा संस्करण हिमाचल प्रदेश में पूरा कर लिया है।
भारत और कजाकिस्तान की सेना ने दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में आयोजित किए गए संयुक्त सैन्य अभ्यास "प्रबल दोस्तीक" का दूसरा संस्करण हिमाचल प्रदेश में पूरा कर लिया है।
- ‘‘भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘प्रबल दोस्तीक-17’ का आयोजन हिमाचल प्रदेश के बकलोह में इस वर्ष 2 नवंबर से 15 नवंबर के बीच किया जाएगा।
- प्रबल दोस्तीक (मजबूत दोस्ती) का प्रथम संस्करण कजाकिस्तान में आयोजित किया गया था, जो मध्य एशिया का बड़ा देश है और भारत का बड़ा वाणिज्य सहयोगी है।
- अभ्यास में भारतीय सेना के 11 गोरखा राइफल्स की तीसरी बटालियन के एक प्लाटून ने हिस्सा लिया और कजाकिस्तान की सेना से भी इतनी ही संख्या में सैनिकों ने इसमें हिस्सेदारी की।
- अभ्यास हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के कैंट इलाके बकलोह में हुआ।
- बकलोह एक पर्यटक केंद्र है जो समुद्र तल से 4584 फुट की ऊँचाई पर स्थित है।
- रक्षा और राजनीति के क्षेत्र में सहयोग का भारत और कजाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है।
- भारत उन पहले देशों में शामिल है जिसने कजाकिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दी थी। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कूटनीतिक संबंध फरवरी 1992 में बने थे।
- जुलाई, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां की राजकीय यात्रा की थी तब अन्य समझौतों के साथ यह समझौता भी शामिल था कि दोनों देशों के मध्य प्रति वर्ष संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया जाएगा।
- इसी के तहत वर्ष (2016 में) ‘प्रबल दोस्तीक’ संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित किया गया था।
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