राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस (National Press Day) - 16 नवम्बर, 2017

Dear Readers,
देश भर में प्रतिवर्ष 16 नवंबर को ''राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस'' मनाया जाता है। मीडिया में हर कोई दिन-रात मेहनत कर दुनिया के कोने-कोने से खबरें लाता है। पिछले तीन सालों में मीडिया ने स्वच्छ भारत अभियान में भी अपना सहयोग दिया है और इस संदेश को आगे बढ़ाने में मदद की है। ये दिन देश में एक आजाद और जिम्मेदार मीडिया का प्रतीक है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की स्थापना देश की मीडिया पर नजर रखने और उसकी आजादी सुनिश्चित करने के लिए की गई थी।
  • प्रधानमंत्री ने कहा, कि एक स्वतंत्र प्रेस एक जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है। हम सभी प्रकारों में प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। 
  • 125 करोड़ भारतीयों की कौशल, ताकत और रचनात्मकता दिखाने के लिए हमारी मीडिया का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए बनाए गए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसी दिन 1966 में अपना काम शुरू किया था।
  • भारत में मीडिया को लोकतंत्र का चौधा स्तंभ कहा गया है। 
  • प्रथम प्रेस आयोग ( 1956 में ) ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एंव पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणामस्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई जिसने 16 नंवबर 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया।
  • 1997 के बाद से प्रेस परिषद द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस (16 नवंबर) के अवसर पर संगोष्ठी आयोजित की गई हैं।
  • विश्व में लगभग 50 देशों में प्रेस परिषद या मीडिया परिषद है। 
  • भारत में प्रेस को वाचडॉग एंव प्रेस परिषद इंडिया को मोरल वाचडॉग गया है।
  • पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद एवं मनोरंजनात्मक संदेश पहुँचाने की कला एंव विधा है।
  • मीडिया को समाज का दर्पण एवं दीपक दोनों माना जाता है। धीरे-धीरे पत्रकारिता प्रोडक्शन से सेन्सेशन एवं सेन्सेशन से कमीशन बन गई है।
भारत की पहली महिला बैरिस्टर कॉर्नेलिया सोराबजी
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