भारत की पहली महिला बैरिस्टर कॉर्नेलिया सोराबजी (India's first woman barrister Cornelia Sorabjee)

Dear Readers,
कॉर्नेलिया सोराबजी एक भारतीय महिला थी, जो बॉम्बे विश्वविद्यालय से पहली महिला स्नातक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कानून का अध्ययन करने वाली पहली महिला थी।(वास्तव में, किसी भी ब्रिटिश विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाली पहली भारतीय महिला, भारत की पहली महिला वकील और भारत और ब्रिटेन में कानून का अभ्यास करने वाली पहली महिला।)

  • 2012 में, लंदन के लिंकन इन में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया था। वे समाज सुधारक तथा लेखिका भी थीं।
  • 15 नवम्बर, 1866 को नासिक में जन्मीं कार्नेलिया, 1892 में नागरिक कानून की पढ़ाई के लिए विदेश गयीं और 1894 में भारत लौटीं।
  • 1907 के बाद कार्नेलिया को बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम की अदालतों में सहायक महिला वकील का पद दिया गया।
  • 1929 में कार्नेलिया हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील के तौर पर सेवानिवृत्त हुई। 
  • भारत की पहली महिला बैरिस्टर होने का गौरव हासिल करने वाली कॉर्नेलिया सोराबजी की 151वीं जयंती है।
  • कॉर्नेलिया सोराबजी का 6 जुलाई 1954 को देहांत हो गया।
कॉर्नेलिया सोराबजी ने समाज सुधार तथा कानूनी कार्य के अलावा उन्होने अनेकों पुस्तकों, लघुकथाओं एवं लेखों की रचना भी कीं।   
  1. 1902: Love and Life behind the Purdah
  2. 1904: Sun-Babies: studies in the child-life of India     
  3. 1908: Between the Twilights: Being studies of India women by one of themselves; Social Relations: England and India     
  4. 1916: Indian Tales of the Great Ones Among Men, Women and Bird-People
  5. 1917: The Purdahnashin
  6. 1924: Therefore (memoirs of her parents)     
  7. 1930: Gold Mohur: Time to Remember (a play)     
  8. 1932: A biography of her educationist sister, Susie Sorabji  
  9. आत्मकथा- India Calling (1934) तथा India Recalled (1936)
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