आरुषि-हेमराज मर्डर केस की टाइम लाइन (Time-Line of Aarushi-Hemraj murder case)

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सीबीआई की विशेष अदालत से आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद से अब तक 1418 दिन तलवार दंपति गाजियाबाद की डासना जेल में कैदी की तरह रहे। इसके बाद डॉ. राजेश तलवार और उनकी पत्नी डॉ. नूपुर तलवार की जेल से रिहाई होगी। 
  • नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र की बेंच ने 12 अक्टूबर, 2017 को अपना अहम फैसला सुनाते हुए राजेश और नूपुर तलवार को मामले में बरी कर दिया है।
  • डॉ राजेश तलवार व डॉ नूपुर तलवार के नोएडा सेक्टर-25 स्थित जलवायु विहार के फ्लैट नम्बर एल-32 के अन्दर 15 मई 2008 की रात जो कुछ हुआ उसकी खबर सभी अखबारों की सुर्खियों में अगले दिन थी।
  • डॉ. तलवार की नाबालिग पुत्री आरुषि की हत्या 15-16 मई 2008 की रात नोएडा के सेक्टर 25 (जलवायु विहार) में आरुषि-हेमराज हत्याकांड हुआ था। घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था। 
  • पेशे से चिकित्सक दम्पति ने अपनी एकमात्र सन्तान आरुषि (आयु: 14 वर्ष) के साथ अपने घरेलू नौकर हेमराज (आयु: 45 साल) की नृशंस हत्या कर दी और सबूत मिटा दिये।
  • इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ़ राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। 
  • सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
घटनाक्रम की प्रमुख तिथियाँ-
  • 16 मई 2008 - दन्त चिकित्सक राजेश तलवार की 14 साल की बेटी आरुषि व उनके घरेलू नौकर हेमराज की हत्या।
  • 17 मई 2008 - हेमराज का शव उस इमारत की छत पर पाया गया।
  • 23 मई 2008 - आरुषि के पिता राजेश तलवार को मुख्य आरोपी बताकर गिरफ्तार किया गया।
  • 29 मई 2008 - तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
  • 01 जून 2008 - मामले की जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ली।
  • 9 फरवरी 2011 - तलवार दंपति पर हत्या का मामला दर्ज किया गया।
  • 18 मार्च 2011 - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
  • 25 नवम्बर 2013 - विशेष सीबीआई अदालत ने आरुषि-हेमराज के दोहरे हत्याकाण्ड में राजेश एवं नूपुर तलवार को आईपीसी की धारा 302/34 के तहत उम्रक़ैद की सजा सुनाई।
  • 12 अक्तूबर 2017 - इलाहाबाद हाइकोर्ट द्वारा आरुषि के माता-पिता को निर्दोष करार दे दिया गया और वे जेल से रिहा हो गये।

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