Indian Air Force Marshal Arjan Singh : An icon of India’s military history

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1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व वायुसेना प्रमुख अर्जन सिंह का निधन हो गया है। शनिवार सुबह उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 98 वर्षीय सिंह पांच स्टार पाने वाले भारतीय वायुसेना के एकमात्र अधिकारी थे।

Indian Air Force Marshal Arjan Singh's Profile

  • नाम- मार्शल अर्जन सिंह
  • जन्म- 15 अप्रैल, 1919 लायलपुर, पंजाब ( अब पाकिस्तान )
  • प्रारंभिक शिक्षा- मोंटगोमरी, साहिवाल (पाकिस्तान) में पूरी की।
  • 1938 में, तत्कालीन ब्रिटिश राज में रॉयल एयरफोर्स कॉर्नवेल के लिए चुने लिए।
  • दिसंबर 1939 में, आरएएफ कॉलेज में स्नातक के बाद पायलट के रूप में कमीशन मिला।
  • 1944 में, द्वितीय विश्वयुद्ध में अराकान अभियान के स्क्वॉड्रन-1 का नेतृत्व किया।  
  • 1945 में, भारतीय वायुसेना के एक्जीविशन फ्लाइट के कमांडेड की भूमिका निभाई थी।
  • 15 अगस्त 1947 को उन्होंने लाल किले के ऊपर से फ्लाई-पास्ट का नेतृत्व किया था। 
  • आजादी के बाद पहली बार लड़ाई में उतरी भारतीय वायुसेना की कमान अर्जन सिंह के हाथ में थी।
  • मार्शल अर्जन सिंह 1 अगस्त, 1964 से 15 जुलाई, 1969 तक भारतीय वायुसेना के प्रमुख रहे।
  • पाकिस्तान के साथ 1965 की जंग में उनके नेतृत्व में भारतीय वायुसेना के अभूतपूर्व प्रदर्शन के बाद उन्हें एयर चीफ मार्शल पद पर प्रमोट किया गया। 
  • सितंबर 1965 में, पाकिस्तान ने ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम के तहत जम्मू-कश्मीर के अखनूर पर धावा बोल दिया।  
  • 1965 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया। और साथ ही पदोन्न्ति देकर एयर चीफ मार्शल बनाया।
  • 1971 में सेवानिवृत्ति के बाद, स्विट्जरलैंड के राजूदत बनाए गए।
  • 1974 में अफ्रीकी देश केन्या के उच्चायुक्त की भूमिका निभाई।
  • 1975 से 1985 तक राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रहे।
  • दिसंबर 1989 से दिसंबर 1990 तक दिल्ली के उपराज्यपाल रहे।
  • वह मार्शल रैंक पर प्रमोट होने वाले भारतीय वायुसेना के अब तक के इतिहास में इकलौते अधिकारी हैं।
  • अप्रैल 2016 में, मार्शल अर्जन सिंह के 97वें जन्मदिन के मौके पर तत्कालीन एयरफोर्स चीफ अरुप राहा ने पश्चिम बंगाल स्थित पनागढ़ एयरफोर्स बेस का नाम  बदलकर एमआईएफ अर्जन सिंह के नाम पर रखा।यह पहली बार था जब एक जीवित ऑफिसर के नाम सैन्य प्रतिष्ठान का नाम रखा गया।
  • 26 जनवरी 2016 को गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल हुए और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे मिलने पहुंचे। 
  • भारतीय वायु सेना के मार्शल और भारत के सबसे पुराने, पांच सितारा विमान वायु सेना अधिकारी अर्जन सिंह का दिल का दौरा पड़ने के बाद शनिवार (16 सितंबर 2017) को 7.47 बजे मौत हो गई।

इसे भी जाने.....

  1. अर्जन सिंह के परिवार करीब 150 साल से सेना से जुड़ा हुआ है। 
  2. परदादा नायब रैयसलदार सुल्तान सिंह 1854 में गाइडेड कैवलरी में थे और 1879 में अफगान अभियान के दौरान वह शहीद हुए थे। 
  3. उनके दादा रैसलदार मेजर हुकुम सिंह 1883 से 1917 तक  गाइड्स कैवलरी में रहे।
  4. उनके पिता एक डिवीजन कमांडर के एडीसी के रूप में सेवा प्रदान करते थे।
  5. 27 जुलाई, 2015 को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के बाद जब उनका पार्थिव शरीर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लाया गया था, तो उनके अंतिम दर्शन के लिए अर्जन सिंह भी पहुंचे थे। उस समय अर्जन सिंह व्हीलचेयर पर थे, फिर भी उन्होंने कलाम को व्हीलचेयर से खड़े होकर सैल्यूट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
  6. 98 साल के मार्शल ऑफ इंडियन एयरफोर्स अर्जन सिंह भारत के ऐसे तीसरे सैन्य अधिकारी थें जिन्हें 2002 में राष्ट्रपति भवन में 85 वर्ष की आयु में मार्शल ऑफ इंडियन एयरफ़ोर्स का सम्मान दिया गया।
  7. 1971 की जंग के नायक एसएचएफ जे मानेकशा और भारत के पहले थल सेनाध्यक्ष के एम करियप्पा को फाइव स्टार रैंक से सम्मानित किया गया है।  
  8. 27 जून 2008 में मानेक शॉ के निधन के बाद अर्जन सिंह एकमात्र जीवित पंच सितारा अधिकारी थे।
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