Hello Student's
1938 में 19 साल की उम्र में मुझे ब्रिटेन के रॉयल कॉलेज ऑफ एयरफोर्स
(आरएएफ) के लिए चुन लिया गया। वहां हमारी ट्रेनिंग दो साल तक चलनी थी
लेकिन इस बीच सितंबर, 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया और उसी साल
दिसंबर में हमें रॉयल इंडियन एयरफोर्स में कमीशन मिल गया।
Indian Air Force Marshal Arjan Singh : An icon of India’s military history
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'जब तक बगल से बुलेट न गुजरे जंग-ए मैदान का अहसास नहीं होता' |
- अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को पंजाब के लयालपुर में ब्रिटिश भारत के एक प्रतिष्ठित सैन्य परिवार हुआ था।
- उनके पिता रिसालदार थे , वे एक डिवीजन कमांडर के एडीसी के रूप में सेवा प्रदान करते थे।
- उनके दादा रिसालदार मेजर हुकम सिंह 1883 और 1917 के बीच कैवलरी से संबंधित थे।
- उनके परदादा, नायब रिसालदार सुल्ताना सिंह, 1854 में मार्गदर्शिका कैवलरी की पहली दो पीढ़ियों में शामिल थे, 1879 के अफगान अभियान के दौरान शहीद हुए थे
- जनवरी, 1940 में मैंने और पटियाला राजघराने के पृथीपाल सिंह ने एक साथ रॉयल इंडियन एयरफोर्स ज्वाइन की।
- 1 अगस्त 1964 से 15 जुलाई 1969 तक वह वायुसेनाध्यक्ष (सीएएस) थे, और 1965 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- 98 साल के अर्जन सिंह दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती थे।
- 16 सितम्बर, 2017 को दिल्ली में उनका निधन हो गया।
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