Do You Know : बरमूडा ट्रायंगल का रहस्य (Mystery Of Bermuda Triangle)
Dear Students,
बरमूडा त्रिकोण / बरमूडा त्रिभुज / ( बारमूडा ट्रायएंगल / Bermuda Triangle ) अटलांटिक महासागर का वो भाग है, जिसे दानवी त्रिकोण / शैतानी त्रिभुज / मौत के त्रिकोण / भुतहा त्रिकोण ( डेविल्स ट्राइएंगल ) भी कहा जाता है| 1.बरमूडा त्रिकोण कहाँ स्थित हैं?
4.1948 में जहाज़ ट्यूडोर त्रिकोण में खो गया। इसका भी कुछ पता नहीं।
5.1962 में अमेरिकी सेना का केबी-50 टैंकर प्लेन बरमूडा त्रिकोण के ऊपर से गुजरते वक़्त अचानक लापता हुआ।
6.1972 में जर्मनी का एक जहाज़ त्रिकोण में घुसते ही डूब गया। इस जहाज़ का भार 20 हज़ार टन था।
7.1997 में जर्मनी का विमान बरमूडा त्रिकोण में घुसते ही कहां गया, कुछ पता नहीं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण पूर्वी अटलांटिक महासागर के बीच फैले 39,00,000 वर्ग किमी0 के बीच फैली जगह, जोकि एक काल्पनिक त्रिकोण जैसी दिखती है, बरमूडा त्रिकोण या बरमूडा त्रिभुज के नाम से जानी जाती है। इस त्रिकोण के तीन कोने बरमूडा, मियामी तथा सेन जआनार, पुतौरिका को स्पर्श करते हैं तथा बरमूडा ट्राएंगल -- स्ट्रेट्स ऑफ फ्लॉरिडा, यूर्टोरिको एवं अटलांटिक महासागर के बीच स्थित बरमूडा द्वीप के मध्य स्थित है।
- बरमूडा उत्तर अटलांटिक महासागर में स्थित ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर मियामी (फ्लोरिडा) से सिर्फ़ 1770 किलोमीटर और हैलिफैक्स, नोवा स्कोटिया (कनाडा) के दक्षिण में 1350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह सबसे पुराना और सबसे अधिक जनसंख्या वाला ब्रिटेन का प्रवासी क्षेत्र है।
- उन्होंने बताया था कि अटलांटिक महासागर में एक ऐसी जगह है, जहां उनेक जहाज के कंपास ने काम करना बंद कर दिया था। साथ ही उन्होंने ये भी बताया था कि उस जगह पर उन्होंने आग का एक गोला समुद्र में गिरते हुए देखा था।
- कोलम्बस ही वह पहले नाविक - खोजकर्ता थे, जिनका सामना बरमूडा ट्राइएंगल से हुआ था। 15वीं शताब्दी के अन्त में क्रिस्टोफर कोलंबस पहला ऐसा व्यक्ति था जिसने सन् 1492 की अपनी समुद्री यात्रा के दौरान बरमूदा त्रिकोण में कम्पास के विचित्र व्यवहार की बात कही थी।
- बारमूडा ट्रायएंगल का रहस्य दुनिया के सामने पहली बार तब सामने आया, जब 16 सितंबर 1950 को पहली बार इस बारे में अखबार में लेख भी छपा था। दो साल बाद फैट पत्रिका ने ‘सी मिस्ट्री एट अवर बैक डोर’ शीर्षक से जार्ज एक्स. सेंड का एक संक्षिप्त लेख भी प्रकाशित किया था।
- 1964 में आरगोसी नामक पत्रिका में बरमूडा त्रिकोण पर लेख प्रकाशित हुआ। इस लेख को विसेंट एच गोडिस ने लिखा था।
बरमूडा त्रिकोण से जुड़े अनसुलझे घटनायें
1.1872 में जहाज़ 'द मैरी सैलेस्ट' बरमूडा त्रिकोण में लापता हुआ, जिसका आजतक कुछ पता नहीं।- 5 नवम्बर, 1872 को यह जहाज़ न्यूयॉर्क से जिनोआ के लिए चला, लेकिन वहां कभी नहीं पहुंच पाया। बाद में ठीक एक माह के उपरान्त 5 दिसम्बर, 1872 को यह जहाज़ अटलांटिक महासागर में सही-सलामत हालत में मिला, परन्तु इस पर एक भी व्यक्ति नहीं था।
- अमेरिकी नौ-सेना में टारपीडो बमवर्षक विमानों के दस्ते फ्लाइट 19 के पांच विमानों ने 5 दिसम्बर, 1945 को लेफ्टिनेंट चाल्र्स टेयलर के नेतृत्व में 14 लोगों के साथ `फोर्ट लोडअरडेल´, फलोरिडा से इस क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरी और फिर ये लोग कभी वापिस नहीं लौट सके।
4.1948 में जहाज़ ट्यूडोर त्रिकोण में खो गया। इसका भी कुछ पता नहीं।
5.1962 में अमेरिकी सेना का केबी-50 टैंकर प्लेन बरमूडा त्रिकोण के ऊपर से गुजरते वक़्त अचानक लापता हुआ।
6.1972 में जर्मनी का एक जहाज़ त्रिकोण में घुसते ही डूब गया। इस जहाज़ का भार 20 हज़ार टन था।
7.1997 में जर्मनी का विमान बरमूडा त्रिकोण में घुसते ही कहां गया, कुछ पता नहीं।
"बरमूडा त्रिकोण में हादसों के कारण और शोध"
ये कारण इस प्रकार हैं..........- मीथेन गैस :- कुछ रसायन शास्त्रियों क मत है कि उस क्षेत्र में 'मीथेन हाइड्रेट' नामक रसायन इन दुर्घटनाओं का कारण है। यही कारण है कि इस तरह से गायब हुए जहाजों का बाद में कोई पता-निशां नहीं मिलता। अमेरिकी भौगोलिक सवेक्षण के अनुसार बरमूडा की समुद्र तलहटी में मीथेन का अकूत भण्डार भरा हुआ है। यही वजह है कि वहॉं पर जब-तब इस तरह की दुर्घटनाऍं होती रहती हैं।
- चुम्बकीय क्षेत्र :- विद्वानों का मत है कि सागर के इस भाग में एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र होने के कारण जहाजों में लगे उपकरण यहाँ काम करना बंद कर देते हैं तथा रेडियो तरंगों के संकेतों को काट कर इन यन्त्रों को ख़राब कर देता है इससे जहाज़ रास्ता भटक जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
- शक्तिशाली समुद्री तूफ़ान:- अटलांटिक महासागर के इस क्षेत्र में शक्तिशाली तूफ़ान आते रहते हैं। इन तूफ़ानों में फंसकर वायुयान व समुद्री जहाज़ डूब जाते हैं।
- गल्फ स्ट्रीम:- इस क्षेत्र में शक्तिशाली गल्फ स्ट्रीम चलती हैं। ये गल्फ स्ट्रीम मैक्सिको की खाड़ी से निकलकर फ्लोरिडा के जलडमरू से उत्तरी अटलांटिक तक जाती हैं।
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