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समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने सोमवार यानी 12 मार्च, 2018 को भाजपा का दामन थाम लिया। राज्यसभा में बोलते हुए अग्रवाल ने कहा था, ‘व्हिस्की में विष्णु बसें, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान। सियावर रामचंद्र की जय।’
समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने सोमवार यानी 12 मार्च, 2018 को भाजपा का दामन थाम लिया। राज्यसभा में बोलते हुए अग्रवाल ने कहा था, ‘व्हिस्की में विष्णु बसें, रम में श्रीराम, जिन में माता जानकी और ठर्रे में हनुमान। सियावर रामचंद्र की जय।’
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए अग्रवाल ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में उनका विधायक पुत्र नितिन अग्रवाल भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट देंगे।
- अग्रवाल के राजनीतिक कैरियर की शुरुआत बतौर कांग्रेस विधायक हुई। यूपी में ऊर्जा, पर्यटन, परिवहन मंत्री का जिम्मा संभालने के बाद वर्ष 2012 में सपा ने उन्हें उच्च सदन भेजा।
- 1 अक्टूबर, 1951 में उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जन्मे नरेश अग्रवाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय से लॉ और साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली।
- नरेश अग्रवाल हरदोई से सात बार विधायक चुने जा चुके हैं। इनके पिता एससी अग्रवाल कांग्रेस से सांसद थे।
- अग्रवाल पूर्व में बसपा, भाजपा, कांग्रेस, सपा से होते हुए वह अब फिर से भाजपा में आ गये हैं।
- 1988-89 में जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कमजोर पड़ रही थी, तब नरेश अग्रवाल ने उसका साथ छोड़ दिया।
- जगदम्बिका पाल, राजीव शुक्ला और श्याम सुंदर शर्मा के साथ नरेश अग्रवाल ने 1997 अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री भी बने।
- 1998 में मुलायम सिंह की सरकार में भी नरेश अग्रवाल मंत्री बने।
- नरेश अग्रवाल ने 2008 में बसपा ज्वाइन की। हालांकि बसपा के साथ उनकी दोस्ती तीन साल ही चली।
- 2011 में सपा में शामिल होने वाले नरेश अग्रवाल हुए, उन्होंने बेटे नितिन अग्रवाल को टिकट न मिलने पर बसपा छोड़ कर सपा का दामन थामा था।
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