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भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था : पंचायती राज व्यवस्था
भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था : पंचायती राज व्यवस्था
- संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— भाग-9
- पंचायती राज व्यवस्था किस पर आधारित है— सत्ता के विकेंद्रीकरण पर
- पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है— जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना
- किसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है— नीति-निर्देशक सिद्धांत
- संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है— 73वें संशोधन,1992
- 73वें संशोधन में कौन-सी अनुसूची जोड़ी गई हैं— 11वीं(कुल 29 विषय )
- पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है— राज्य निर्वाचन आयोग
- भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ— 24 अप्रैल, 1993
- सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— नागौर, राजस्थान में(1959)
- राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई—2 अक्टूबर 1959 को
- देश के सामाजिक व सांस्कृतिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया— सामुदायिक विकास कार्यक्रम
- भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम कब आरंभ हुआ— 2 अक्टूबर, 1952
- किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई— बलवंत राय मेहता समिति
- पंचायती राज की सबसे छोटी इकाई क्या है— ग्राम पंचायत
- बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है— पंचायत समिति
- पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था— अशोक मेहता समिति
- पंचायत स्तर पर राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करता है— ग्राम प्रधान
- पंचायती राज विषय किस सूची में है— राज्य सूची में
- किस संशोधन में महिलाओं के लिए ग्राम पंचायत में एक-तिहाई सीटें आरक्षित की गईं— 73वें संशोधन में
- पंचायत चुनाव के लिए उम्मीदवार की आयु कितनी होनी चाहिए— 21 वर्ष
- पंचायती राज संस्थाएँ अपनी निधि हेतु किस पर निर्भर हैं— सरकारी अनुदान पर
- भारत में पहला नगर निगम कहाँ स्थापित हुआ— चेन्नई
- ग्राम पंचायतों की आय का स्त्रोत क्या है— मेला व बाजार कर
- किस राज्य में पंचायती राज प्रणाली नहीं है— अरुणाचल प्रदेश में
- पंचायती राज प्रणाली में ग्राम पंचायत का गठन किस स्तर पर होता है— ग्राम स्तर पर
- पंचायती राज संस्था का कार्यकाल कितना होता है— 5 वर्ष
- 73वें संविधान संशोधन में पचायती राज संस्थाओं के लिए किस प्रकार के चुनाव का प्रावधान किया गया— प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान
- पंचायत समिति की गठन किस स्तर पर होता है— प्रखंड स्तर पर
- यदि पंचायत को भंग किया जाता है तो पुनः निर्वाचन कितने समय के अंदर आवश्यक है— 6 माह
- पंचायत के चुनाव हेतु निर्णय कौन लेता है— राज्य सरकार
- एक विकास खंड पर पंचायत समति कैसी होती है— एक प्रशासकीय अभिकरण
अन्य जानकारी पंचायती से सम्बंधित -----
- अनेक’इतिहासकारों का मानना है कि वैदिक काल में भी हमारे देश में पंचायती राज प्रणाली विद्यमान थी। प्राचीन भारत में पचायत मूलत:एक लघु प्रशासनिक इकाई थी जो समस्त ग्रामीणजनों की समस्याओं का निदान ढूँढती थी
- अंग्रेजों के व्यापारिक उद्देश्य से भारत आने के समय भी देश भर में पंचायती राज प्रणाली प्रचलित थी। इस सरल प्रणाली के व्यापक प्रभाव ने उन्हें भी अचंभित कर दिया। चार्ल्स मैटकॉफ ने इस प्रणाली को ‘ सूक्ष्म गणराज्य ‘ का नाम दिया । सन् 1885 ई० में लार्ड रिपन ने पंचायतों पर अपना आधिपत्य जमाने के उद्देश्य से स्थानीय निकाय कानून पारित किया।
- स्वतंत्र भारत में यह प्रणाली अक्टूबर 1952 ई० में प्रारंभ हुई परंतु गाँवों के निर्धन एवं उपेक्षित लोगों की सहभागिता न होने के कारण यह असफल हो गई। भारत में पंचायती राज प्रणाली की पुन:शुरूआत 1959 ई० में ‘बलवंत राय मेहता समिति‘की रिपोर्ट के आधार पर हुई।
- इस त्रिस्तरीय प्रणाली में जिला स्तर पर जिला परिषद, खंड स्तर पर पंचायत समिति तथा ग्राम स्तर पर ग्राम पचायत की स्थापना का प्रावधान रखा गया । इस प्रणाली का प्रारंभ सर्वप्रथम राजस्थान और आंध्र प्रदेश में हुआ। इसके फलस्वरूप 24 अप्रैल 1993 ई॰ को 73वाँ संविधान संशोधन विधेयक लागू हुआ जो पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में अविस्मरणीय है।
- पंचायती राज्य व्यवस्था मुख्यतः भारत,पाकिस्तान और नेपाल में प्रचलित हैं, "पंचायती राज्य" शब्द मूलतः ब्रिटिश गवर्नमेंट से आया।
Fact N Fact..............
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