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Madhya Pradesh: Kadaknath Chicken Gets Geographical Indication (GI) Tag

Dear Readers,

चेन्नई के भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय ने कड़कनाथ मुर्गे को भौगोलिक संकेत (GI) टैग मध्य प्रदेश को दिया है।

  1. मध्यप्रदेश का दावा था कि GI टैग पर उसका अधिकार है, क्योंकि इस प्रजाति का मुख्य स्रोत उनके राज्य का झाबुआ जिला है। वहीं, छत्तीसगढ़ का दावा था कि यह ब्रीड झाबुआ से ज्यादा दंतेवाड़ा में पाई जाती है। यहां उसका सरंक्षण और प्राकृतिक प्रजनन सदियों से होता आया है।
  2. पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच कुछ दिन पहले रसगुल्ले को लेकर लड़ाई छिड़ी थी, जिसमें फैसला पश्चिम बंगाल के हक में हुआ। इसी तरह कड़कनाथ मुर्गे के GI टैग को लेकर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बीच छिड़ी जंग पर फैसला आ गया है। इसमें मध्य प्रदेश की जीत हुई है।
  3. छत्तीसगढ़ के बस्तर में पाए जाने वाले जिस काले पंख वाले कड़कनाथ मुर्गे को लेकर न सिर्फ बस्तर के लोग, बल्कि समूचे छत्तीसगढ़ के लोग इतराते थे, उस पर अब छत्तीसगढ़ का दावा नहीं रहेगा।
  4. जांच में पाया गया कि इस प्रजाति का मुख्य स्रोत मध्यप्रदेश का झाबुआ जिला ही है।  
  5. कड़कनाथ मुर्गे की खासियत यह है कि इसके मांस में आयरन और प्रोटीन अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जबकि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अन्य प्रजाति के मुर्गों से काफी कम पाई जाती है। इस मुर्गे के खून का रंग भी सामान्यतः काले रंग का होता है, जबकि आम मुर्गे के खून का रंग लाल पाया जाता है।
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