Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर (Baba Sahab Dr.Bhimrao Ramji Ambedkar) की 127वीं जयंती

Dear Readers,

भारतरत्न डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, बाबासाहब के नाम से लोकप्रिय, भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। डॉ. अंबेडकर को दलितों का मसीहा माना जाता है, जबकि असलियत में उन्होंने जीवन भर दलितों की नहीं, बल्कि समाज के सभी शोषित वर्गो के अधिकारों की लड़ाई लड़ी।

  1. डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को ब्रिटिश भारत के मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश के इंदौर में) में स्थित नगर सैन्य छावनी महू में हुआ था।
  2. डॉ अंबेडकर, रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं व अंतिम संतान थे। डॉ अंबेडकर के पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में काम करते थे। वे हिंदू महार जाति से संबंध रखते थे, जो अछूत कहे जाते थे और उनके साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से गहरा भेदभाव किया जाता था।
  3. रामजी सकपाल ने स्कूल में अपने बेटे भीमराव का उपनाम ‘सकपाल' की बजायं ‘आंबडवेकर' लिखवाया, क्योंकी कोकण प्रांत में लोग अपना उपनाम गांव के नाम से लगा देते थे, इसलिए भीमराव का मूल अंबाडवे गांव से अंबावडेकर उपनाम स्कूल में दर्ज किया।
  4. दरअसल, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण इनका पालन-पोषण बड़ी मुश्किल से हो पाया। इन परिस्थितियों में ये तीन भाई- बलराम, आनंदराव और भीमराव तथा दो बहनें मंजुला और तुलसा ही जीवित बच सके।
  5. डॉ. अंबेडकर की पहली शादी नौ साल की उम्र में रमाबाई से हुई। रमाबाई की मृत्यु के बाद इन्होंने ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाली सविता से विवाह कर लिया। सविता ने भी इनके साथ ही बौद्ध धर्म अपना लिया था। अंबेडकर की दूसरी पत्नी सविता का निधन वर्ष 2003 में हुआ।
  6. डॉ. अंबेडकर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इनके पास कुल 32 डिग्रियां थीं।
  7. अछूतोद्धार के उद्देश्य से उन्होंने 1924 में ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ का गठन किया था। 
  8. डॉ. आंबेडकर ने 1927 में 19-20 मार्च को सत्याग्रह करते हुए महाराष्ट्र के महाड में करीब पंद्रह हजार दलितों के साथ तालाब में प्रवेश कर दोनों हाथों से जल पिया था। इससे पहले दलितों के लिए जलस्रोत तक पहुंचना या छूना प्रतिबंधित था।
  9. डॉ. अंबेडकर को 15 अगस्त, 1947 को देश की आजादी के बाद देश के पहले देशी संविधान के निर्माण के लिए 29 अगस्त, 1947 को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया।
  10. कानूनविद् डॉ. अंबेडकर को प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत का पहला कानून मंत्री बनाया था।
  11. डॉ. अंबेडकर ने समाज में व्याप्त बुराइयों के लिए सबसे ज्यादा महिलाओं की अशिक्षा को जिम्मेदार माना। इन्होंने महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया। उनके सशक्तिकरण के लिए इन्होंने ''हिंदू कोड अधिनियम'' की मांग की। लेकिन बाद में वही अधिनियम हिंदू विवाह अधिनियम, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम और हिंदू विशेष विवाह अधिनियम के नाम से 1956 में पारित हुआ।
  12. डॉ अंबेडकर ने 14 अक्टूबर, 1956 में अपने लाखों समर्थकों सहित बौद्ध धर्म अपना लिया।
  13. डॉ. अंबेडकर ने मजदूर वर्ग के कल्याण के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किया। पहले मजदूरों से प्रतिदिन 12-14 घंटों तक काम लिया जाता था। इनके प्रयासों से प्रतिदिन आठ घंटे काम करने का नियम पारित हुआ। इसके अलावा इन्होंने मजदूरों के लिए इंडियन ट्रेड यूनियन अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम, मुआवजा आदि सुधार भी इन्हीं के प्रयासों से हुए।
  14. बाबा साहेब कृषि को उद्योग का दर्जा देना चाहते थे। उन्होंने कृषि का राष्ट्रीयकरण करने का प्रयास किया। राष्ट्रीय झंडे में अशोक चक्र लगाने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है।
  15. डॉ. अंबेडकर अकेले भारतीय हैं, जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्‍स के साथ लगी है। 
  16. साल 1948 में डॉ. अंबेडकर मधुमेह से पीड़ित हो गए। 6 दिसंबर, 1956 को इनका निधन हो गया।
  17. डॉ. अंबेडकर के निधन के 34 साल बाद वर्ष 1990 में जनता दल की वी.पी. सिंह सरकार ने इन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया था। वी.पी. सिंह ने जब वी.पी. मंडल कमीशन की सिफारिश लागू कर दलितों, पिछड़ों को आरक्षण का अधिकार दिया।
 अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें।

Post a Comment

0 Comments