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सरकार की फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी वित्तीय समावेशन की स्कीमें देश के अधिकांश हिस्सों में पहुंचने लगी हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 28 फरवरी, 2018 को यह रिपोर्ट जारी की।
सरकार की फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी वित्तीय समावेशन की स्कीमें देश के अधिकांश हिस्सों में पहुंचने लगी हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 28 फरवरी, 2018 को यह रिपोर्ट जारी की।
- क्रिसिल की इनक्लूसिक्स इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, नागरिकों के बैंक खाते खुलवाने, उन्हें कर्ज दिलाने या जीवन बीमा पॉलिसी दिलाने में दक्षिणी राज्यों का प्रदर्शन काफी बेहतर है। जबकि, उत्तरी क्षेत्र के अधिकांश राज्यों का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से भी नीचे है।
- वर्ष 2013 में जारी पहली रिपोर्ट में भारत को वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में 50.1 अंक मिले थे। जबकि, ताजा रिपोर्ट में भारत को इस मामले में 58 अंक मिले है।
- देश के सभी 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में किए गए व्यापक अध्ययन के बाद तैयार इस सूचकांक में केरल पहले स्थान पर है। लेकिन, उत्तर प्रदेश 30वें और बिहार 32वें स्थान पर है।
- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड का भी प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। इनका स्थान देश के औसत से भी नीचे रहा है।
- क्रिसिल की यह रिपोर्ट देश के 666 जिलों में वित्तीय समावेशन की प्रगति से जुड़े आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद तैयार की गई है।
- देश में बैंक खातों की संख्या 165 करोड़ है, लेकिन जीवन बीमा पॉलिसी की संख्या सिर्फ 34 करोड़ है।
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