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पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने बताया कि जब वर्ष 2014 में सरकार में बदलाव हो रहा था। उस समय इस गोल्ड इंपोर्ट योजना को उदार बनाया गया था। मई 2014 में 80:20 स्कीम में संशोधन किये गये थे।
पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने बताया कि जब वर्ष 2014 में सरकार में बदलाव हो रहा था। उस समय इस गोल्ड इंपोर्ट योजना को उदार बनाया गया था। मई 2014 में 80:20 स्कीम में संशोधन किये गये थे।
- संशोधन के तहत प्रीमियर और स्टार ट्रेडिंग घरानों को सोना का आयात करने के लिए मंजूरी मिली थी।
- महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक (कैग) ने पाया है कि जून 2014 से नवंबर 2014 तक करीब 13 ट्रेडिंग घरानों को सोने के आयात से 4500 करोड़ रुपये का अप्रत्याशित लाभ हुआ है।
- रघुराम राजन वर्ष 2013 से 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर रहे थे। वहीं गोल्ड इंपोर्ट स्कीम वर्ष 2014 में लॉन्च की गई थी।
- पहले केवल बैंक और सरकारी उपक्रम जैसे एमएमटीसी और एसटीसी को 80:20 स्कीम के तहत घेरलू इस्तेमाल के लिए सोने के आयात के लिए मंजूरी मिली हुई थी।
- 80:20 योजना के तहत सोना आयात करने पर 20 फीसद को जेवर के रूप में निर्यात करना जरूरी था। इसे चालू खाते का घाटा कम करने के लिए पेश किया गया था।
- मोदी सरकार ने 28 नवंबर, 2014 को इस योजना को बंद करने का फैसला लिया।
- 2013 के अगस्त में चिदंबरम ने 80:20 योजना लागू की थी जिसमें केवल एमएमटीसी और पीएसयू को सोना आयात करने का अधिकार दिया गया था।
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